पुरुषों के लिए ज्ञान: इसलिए होता है सेक्सुअल डिसऑर्डर, ऐसे पाए छुटकारा
युवा अवस्था में यौन शिक्षा का अभाव , युवक में जिंदगीभर का नाना प्रकार के दुख दे जाती है। व्यक्तिगत कमी होने व हर किसी से शेयर ना करने लायक होने से, संशय एवं समस्या धीरे धीरे कठिन एवं गंभीर रूप से मानसिक -शारीरिक दुख देने लगती है जिससे और यौन क्षमता कमजोर ,हीन भावना में बढ़ोतरी ,
नई दिल्ली: युवा अवस्था में यौन शिक्षा का अभाव , युवक में जिंदगीभर का नाना प्रकार के दुख दे जाती है। व्यक्तिगत कमी होने व हर किसी से शेयर ना करने लायक होने से, संशय एवं समस्या धीरे धीरे कठिन एवं गंभीर रूप से मानसिक -शारीरिक दुख देने लगती है जिससे और यौन क्षमता कमजोर ,हीन भावना में बढ़ोतरी , आत्मविश्वास की भारी कमी लिंग का टेढापन जैसी परेशानियों से भी पुरुषों को दो-चार होना पड़ता है। पुरुषों में होने वाले यौन विकारों में से एक है लिंग का टेढ़ापन पेनिस का टेढ़ापन (peyronie's disease)। यह एक ऐसी स्थिति है जो लिंग के ऊतकों में क्षति के कारण उत्पन्न होती है।
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इस बीमारी से परेशान लोगों में पेनिस(लिंग) में दर्द के दौरान संभोग करने में भी काफी मुश्किल हो जाता है।पेनिस में टेढ़ेपन की शुरुआत गांठ बनने और दर्द के साथ होती है। लिंग में तनाव आने के दौरान इस स्थिति का अनुभव होता है। इस समस्या के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं...
लक्षण
- लिंग पर गांठ या ऊतकों में कठोरता। लिंग का ऊपर या नीचे की ओर मुड़ जाना।लिंग का आकार छोटा होना। लिंग में तनाव के दौरान दर्द का अनुभव। उपरोक्त लक्षणों में से अगर आपको किसी का भी अनुभव हो तो जल्द से जल्द अपने चिकित्सक से संपर्क करें।
लिंग सामान्य स्थिति में होता है, तो इसमें किसी प्रकार के लक्षण दिखाई नहीं देते। लिंग के उत्तेजना में आने की स्थिति में इसका अनुभव होता है। तनाव आने के बाद यह एक ओर मुड़ जाता है।
पेनिस टेढ़ेपन के कारण
पेनिस में टेढ़ेपन के कोई कारण स्पष्ट नहीं हैं। यह किसी प्रकार के चोट लगना या सेक्स करते समय लिंग अचानक से मुड़ जाने के कारण होता है। ऐसी स्थिति में लिंग के अंदर रक्तस्त्राव होने लगता है। यह भी हो सकता है कि आपको चोट लगने के दौरान पता भी ना चला हो। सामान्य रूप से लिंग में टेढ़ेपन के लिए निम्न कारणों से दर्द होता है।
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इलाज
इस समस्या के कारणों का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपको कुछ जांच कराने के लिए कह सकते हैं। इसके लिए आपको मूत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करना होता है.।जांच के दौरान ऊतकों के कठोर हिस्सों और हाथ लगाने पर दर्द होने जैसी स्थितियों का पता लगाया जाता है। जांच के बाद स्थिति को देखते हुए दवाईयों, सर्जरी और मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा सकता है। कभी-कभी लिंग का अल्ट्रासाउंड किया जाता है। अगर लिंग में कैल्शियम जमा है तो एक्स-रे की मदद से उसको देखा जा सकता है।अल्ट्रासोनोग्राफी में मधुमेह या हार्मोनल फ्लक्चुएशन वाले व्यक्तियों को खून की जांच की सलाह भी दी जाती है। आम तौर पर डॉक्टर उन दवाईयों के सेवन का सुझाव देते हैं जो फाइब्रॉएड के आकार को कम कर सकते हों। ध्यान रखें कोई भी दवाई बिना डॉक्टर की सलाह के प्रयोग में न लाएं। गैर-सर्जिकल थेरेपी के रूप में निम्न उपचार माध्यमों को प्रयोग में लाया जाता है।