Premanad Maharaj Ji: जब प्रेमानंद महाराज जी के सामने आ गयी थी प्रेत आत्मा, जानकार आपकी भी रूह कांप जाएगी
Premanad Maharaj Ji: एक कहानी प्रेमानंद महाराज जी ने अपने भक्तों के साथ शेयर की तो वहां मौजूद सभी की रूह कांप गयी। आइये जानते हैं क्या बताया प्रेमानंद जी ने और क्या था पूरा किस्सा।
Premanad Maharaj Ji: वृन्दावन के श्री प्रेमानंद महाराज जी राधारानी के परम भक्त हैं। वो अपने भक्तों को सदव्यवहार रखते हुए आगे बढ़ने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं। सोशल मीडिया पर भी उनके प्रवचन के कई वीडियो आये दिन ट्रेंड होते रहते हैं। वो अक्सर अपने जीवन से जुडी कई बातें अपने भक्तों को बताते हैं। ऐसी ही एक कहानी प्रेमानंद जी ने जब अपने भक्तों के साथ शेयर की तो वहां मौजूद सभी की रूह कांप गयी। दरअसल महाराज जी ने अपने साथ घटित एक घटना का जिक्र किया जिसमे उन्होंने बताया कि उन्होंने एक बार सामने से भूत को देखा था। आइये जानते हैं क्या बताया प्रेमानंद जी ने और क्या था पूरा किस्सा।
जब प्रेमानंद महाराज जी के सामने आई प्रेत आत्मा
प्रेमानंद महाराज जी ने अपने जीवन की एक ऐसी घटना का जिक्र किया जिसे सुनने के बाद आप भी हैरान रह जायेंगे। जब महाराज जी ने इस घटना को बताया तो वहां मौजूद हर कोई सन्न रह गया। प्रेमानंद महाराज जी ने अपने सत्संग के दौरान अपने भक्तों को बताया कि एक बार वो शौच के लिए सुबह सुबह निकले तो गांव के थोड़ी दूर पर ही उन्हें एक नववधु लोटा लिए शौच के लिए जाते हुए दिखाई दी। ऐसे में महाराज जी वहीँ खड़े हो गए क्योंकि वो चाहते थे कि वो महिला जिस तरफ जा रही है महाराज जी उसके विपरीत दिशा में ही जाएं। लेकिन इतने में महाराज जी ने देखा कि वो वहीँ खड़ी रही। इसपर महाराज जी ने अपनी रफ़्तार बढ़ाते हुए चलना शुरू कर दिया तभी उन्हें नज़र आया कि वो औरत उनके आगे थोड़ी दूर चल रही थी। महाराज जी को आश्चर्य हुआ कि अभी तो ये औरत मुझे कुछ कदम की दूरी पर पीछे थी तो ये मुझसे चलने लगी। पहले तो महाराज जी को लगा कि ये मात्र उनका भ्रम है लेकिन जब उनकी नज़र अपनी विपरीत दिशा पर पड़ी तो उन्हें एहसास हुआ कि वो औरत तो उनके पीछे वहीँ खड़ी है जहाँ से उन्होंने चलना शुरू किया था। उन्हें फिर ये बात समझ आ गयी कि ये कोई प्रेत आत्मा ही है। फिर महाराज जी ने भगवान् का नाम ज़ोर से लिया और उनके मन का सब भ्रम और वो औरत वहां से गायब हो गए।
प्रेत आत्मा से हो सामना तो करें ये काम
इसके बाद प्रेमानंद जी महाराज ने एक और किस्सा सुनाया और उन्होंने बताया कि एक बार वो किसी खंडहर में रह रहे थे तो उन्हें ऐसा महसूस हुआ कि वहां कोई है। थोड़ी देर बाद उन्हें लगा जैसे कोई उन्हें दबाने की कोशिश कर रहा है इसके बाद उन्होंने भगवान् के नाम का उच्चारण किया और फिर वो थोड़ी देर बाद अपने आश्रम की ओर लौट गए। महाराज जी ने कहा कि इस दौरान उन्हें कभी कोई भय नहीं लगा क्योंकि उन्होंने भगवान् का स्मरण किया। जिसके बाद सब कुछ सही और शांत हो गया। महाराज जी ने अपने भक्तों से कहा कि जब भी आपको ऐसा कुछ भी लगे तो आप बस भगवान् का स्मरण करिये। अगर आप भगवान् का नाम लेते हैं तो कोई भी आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
प्रेमानन्द महाराज जी के भक्त केवल देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मौजूद हैं। उन्हें सत्संग सुनने लोग दूर दूर से आते हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन राधारानी के श्री चरणों में समर्पित कर दिया है। उनकी दोनों किडनी ख़राब है फिर भी वो अपनी दिनचर्या को वैसे ही निभाते हैं जैसे पहले निभाया करते थे। वो सुबह 2 बजे उठकर वृन्दावन की परिक्रमा करते हैं इसके बाद संकीर्तन राधा वल्लब और बांके बिहारी जी के दर्शन और परिक्रमा भी करते हैं।