Rent Agreement Law: मकान मालिक हर साल कितना बढ़ा सकते हैं किराया, आइये जाने क्या कहता है कानून ?

Rent Agreement Law in India: आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मकान मालिक और किरायेदारों को कानूनी रूप से क्या क्या अधिकार प्राप्त हैं।

Update:2023-04-15 15:00 IST

Rent Agreement Law in India: मकान मालिक और किरायदारों का रिश्ता नोक झोंक से भरा हुआ होता है वहीँ कभी कभी मनमुटाव से दोनों के बीच किसी न किसी तरह की खटास पड़नी भी लाज़मी है। इनके बीच अक्सर किराया बढ़ाने से लेकर रेंट एग्रीमेंट तक सभी कुछ काफी सवालों के घेरे में रहता है। जहाँ आये दिन मकान मालिक मकान खाली करने की धमकी देता है तो कभी किराया बढ़ाने की मांग होती है। वहीँ क्या आप जानते हैं कि किरायेदारों के अधिकार क्या होते हैं?साथ ही हर साल वो किराये में कितने प्रतिशत का इज़ाफ़ा कर सकता है? साथ ही मकान मालिक और किरायेदारों की खट्टी मीठी नोक झोक की वजह क्या होती है? आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि मकान मालिक और किरायेदारों को कानूनी रूप से क्या क्या अधिकार प्राप्त हैं।

मकान मालिक और किरायेदारों के अधिकार

ज़्यादातर लोगों को यही पता था कि हर 11 महीने में 10% किराया बढ़ाया जा सकता है जबकि रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के सेक्शन 17 के तहत इसका आपको कही भी ज़िक्र नहीं मिलेगा कि रेंट एग्रीमेंट केवल 11 महीने के लिए ही बनाया जायेगा। आपको बता दें कि मकान मालिक और किरायेदार के 12 महीने से कम का एग्रीमेंट बनाने के पीछे कुछ वजह है दरअसल साल पूरा होने से पहले या यूँ कहें कि 12 महीने के भीतर अगर एग्रीमेंट बनाया जाता है तो ये काफी आसानी से बन जाता है। इससे मकान मालिक और किरायेदार दोनों ही सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में कागजात को रजिस्टर्ड कराना नहीं पड़ता है और वहीँ साथ ही 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट का स्टैंप ड्यूटी भी काफी कम पड़ती है। वहीँ अगर आप इससे ज़्यादा का रेंट एग्रीमेंट बनवाते तो स्टैंप ड्यूटी के लिए आपको ज़्यादा पैसे देने पड़ेंगें। यही वजह है कि अक्सर लोग रेंट एग्रीमेंट 11 महीने का ही बनवाते हैं।

क्या 11 महीने से ज्यादा वक्त के लिए बन सकता है रेंट एग्रीटमेंट?

दरअसल, रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के सेक्शन 17 के तहत इस बात का कहीं भी जिक्र नहीं है कि रेंट एग्रीमेंट केवल 11 महीने के लिए ही बनेगा। दरअसल, मकान मालिक और किरायेदार 12 महीने से कम का एग्रीमेंट इसलिए बनाते हैं कि ये बिना किसी दिक्कत के बन जाता है। इससे दोनों पक्षों को सब रजिस्ट्रार के ऑफिस में कागजात को रजिस्टर्ड कराने के चक्कर से बच जाते हैं। 11 महीने के रेंट एग्रीमेंट का स्टैंप ड्यूटी कम लगता है जबकि उससे ज्यादा वक्त का रेंट एग्रीमेंट बनाने में ज्यादा पैसे का स्टैंप ड्यूटी देना पड़ेगा। इसलिए दोनों पक्ष 11 महीने का ही एग्रीमेंट बनाते हैं।

क्या है किरायेदारों का बेसिक अधिकार

मकान मालिक अपने किरायदार को ज़रूरी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी आदि से मना नहीं कर सकता है।

मकान मालिक हर साल कितना बढ़ा सकते हैं किराया

आपको बता दें कि हर साल किराया बढ़ाने को लेकर स्थानीय राज्यों के नियमों के अनुसार काम होता है। अगर आप उत्तर प्रदेश में हैं तो यहां के रेंट कंट्रोल एक्ट के मुताबिक ही रेंट बढ़ाया जायेगा। साथ ही याद रखियेगा कि किरायेदार को स्टैंडर्ड रेंट ही देना होता है। साथ ही अगर मकान मालिक मकान में कुछ नया करवाता है या उसकी रूप रेखा में बदलाव करता है तो वो 4% के मानक से ज्यादा किराया बढ़ा सकता है और यह 25% तक हो सकता है।

कई साल तक एक ही मकान में रहने के फायदे

अगर दोनों ही पक्ष इस बात के लिए सहमत हैं कि वो लम्बे समय तक इस मकान में रहना चाहते हैं तो इसके लिए भी एग्रीमेंट कराया जा सकता है। अगर किरायदार उसी मकान में 5 साल तक के लिए रहना चाहता है तो आपअधिकार को देखते हुए रेंट एग्रीमेंट को रजिस्टर कराया जाना चाहिए।

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