Sacred Tree in Hinduism: जानिए क्यों हिंदू धर्म में पवित्र माने जाते हैं ये पेड़, क्या है इनकी विशेषता

Sacred Tree in Hinduism: सनातन धर्म में प्रकृति का विशेष महत्व है साथ ही ये धर्म आज से नहीं बल्कि सालों से इस बात को समझता और जानता था कि प्रकृति मनुष्य जीवन के लिए कितनी ज़रूरी है।

Update:2023-06-12 17:57 IST
Sacred Tree in Hinduism (Image Credit-Social Media)

Sacred Tree in Hinduism: सनातन धर्म में प्रकृति का विशेष महत्व है साथ ही ये धर्म आज से नहीं बल्कि सालों से इस बात को समझता और जानता था कि प्रकृति मनुष्य जीवन के लिए कितनी ज़रूरी है। वहीँ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर कोई अपने जीवन में एक नीम का पेड़, दस इमली के पेड़, तीन कैथ के पेड़, तीन बेल के पेड़, आंवले के तीन पेड़ और आम के पांच पेड़ लगाता है तो उसे पुण्य में गिना जाता है।

हिंदू धर्म के पवित्र पेड़

हिंदू धर्म में पवित्र माने जाने वाले 5 पेड़ हैं पीपल, बरगद, केला, नीम और नारियल। विशेषज्ञ और ज्योतिष इन पेड़ों की विशेषता भी बताते हैं जो आज नहीं बल्कि सालों पहले ही साबित हो गयी थी। वहीँ इस पेड़ों का वैज्ञानिक महत्त्व भी है।

पीपल (Peepal)

हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ गीता में पीपल के वृक्ष का उल्लेख है। माना जाता है कि ये पेड़ जड़ से लेकर पत्तियों तक देवी-देवताओं का घर है। इस वृक्ष का प्रत्येक तत्व उपयोगी है।

बरगद (Banyan)

इस वृक्ष में तीन देवताओं ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना जाता है। इसे भगवान शिव भी कहा जाता है। बरगद के पेड़ के दर्शन करना भोलेनाथ के दर्शन करने के समान ही शुभ माना जाता है।

केला (Banana)

ये पेड़ भगवान विष्णु और लक्ष्मी के लिए पवित्र माना जाता है। इस पेड़ का उपयोग पूजा और धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।

नीम (Neem)

नीम के पेड़ को मां दुर्गा का रूप माना जाता है। इसलिए इसकी पूजा की जाती है। सदियों से ये भारत में पाया जाता रहा है, इसके अलावा ये पेड़ नेपाल, म्यांमार, बांग्लादेश, पाकिस्तान, थाईलैंड आदि में भी पाया जाता है। इसमें औषधीय और उपचार गुणों की भरमार है।

नारियल (Coconut)

श्रीफल के नाम से भी विख्यात इस वृक्ष का पूजा-पाठ में बहुत महत्व है। ये मंगल चिन्ह का भी प्रतीक है। ये भारत के तटीय क्षेत्रों जैसे केरल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मुंबई, गोवा आदि में पाया जाता है।

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