MP News: कूनो नेशनल पार्क में जारी है चीतों के मौत का सिलसिला, सूरज के मौत के साथ ही आंकड़ा बढ़कर आठ हुआ

MP News: बता दें कि नामीबिया से सभी आठ चीतों को चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाया गया था।

Update:2023-07-14 16:45 IST
Cheetah Suraj death in Coono National Park (Photo-Social Media)

MP News: कूनों नेशनल पार्क में चीतों के मौत का सिलसिला जारी है। आज यानी शुक्रवार को नामिबिया से लाए गए एक और चीते सूरज की मौत हो गई। प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी नें 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से आए आठ चीतों को कूनों नेशनल पार्क के जंगल में छोड़ा था। सुबह गस्त पर निकले गस्ती दल को सूरज नाम के नर चीते का शव मिला। इसके बाद चीता प्रोजेक्ट में शामिल अधिकारियों में हड़कंप मच गया। बता दें कि नामीबिया से सभी आठ चीतों को चीता प्रोजेक्ट के तहत भारत लाया गया था।

इससे पहले तेजस नामक चीते का शव रहस्यमयी तरीके से मिला था

गौरतलब है कि इससे पहले तेजस नामक चीते का शव रहस्यमयी तरीके से मिली थी। अभी तेजस के मौत का पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने नहीं आई है। रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा। तेजस को भी दक्षिण अफ्रिका से आया था। वह पांच साल का था। मिली जानकारी के अनुसार सदमें का शिकार है। तेजस का वजन मात्र 43 किलो है। जबकि सामान्य तौर पर चीतों का वजन 50-60 किलो होता है। तेजस के आंतरिक अंग गंभीर रूप से घायल थे।

बता दें कि मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठ चीता नामीबिया और 12 चीता दक्षिण अफ्रीका से लाए गए थे। इसके पश्चात तीन मादा चीतों नें तीन शावकों को जन्म दिया। सभी शावकों की मौत गई। इसके साथ ही अभी तक पांच चीतों की भी मौत हो गई है। अब कूनों में कुल 15 चीते बचे हैं। अब चीता प्रोजेक्ट से जुड़े सभी अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। सूरज और तेजस का पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद पता चलेगा कि मौत किन कारणों से हुई है।

क्या क्या हुआ

इसके पहले 11 जुलाई को तेजस नाम का एक वयस्क दक्षिण अफ्रीकी चीता एक बाड़े में मृत पाया गया था, जहां इसे नामीबियाई मादा के साथ रखा गया था। तेजस की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि चीते का वजन कम था और उसके शरीर के आंतरिक अंग खराब हो गए थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि संभवतः आंतरिक रूप से कमजोर होने के कारण तेजस मादा चीता के साथ हिंसक झड़प के बाद सदमे से उबर नहीं पा रहा था। रिपोर्ट में कहा गया है - प्रथम दृष्टया मौत का कारण दर्दनाक सदमा है।

कुल 20 चीते लाये जा चुके हैं

बड़े पैमाने पर शिकार के कारण भारत में सबसे तेज़ गति से चलने वाले स्तनपायी जीव चीते के आधिकारिक तौर पर विलुप्त होने के सात दशक बाद, 17 सितंबर, 2022 को अपने 72 वें जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा आठ नामीबियाई चीतों को कुनो नेशनल पार्क में पेश किया गया था। पांच महीने बाद 12 दक्षिण अफ़्रीकी चीतों को मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले में स्थित नेशनल पार्क में लाया गया था, जिससे वहां चीतों की कुल संख्या 20 हो गई थी।

  • मार्च में नामीबियाई चीते साशा की किडनी की बीमारी से मृत्यु हो गई।
  • अप्रैल में दक्षिण अफ़्रीकी चीते उदय की मौत हार्ट फेलियर के कारण हो गई।
  • मार्च में ही दक्षिण अफ़्रीकी चीता दक्ष की अन्य नर चीतों के साथ हिंसक मुठभेड़ के बाद मृत्यु हो गई।
  • मई में तीन चीता शावकों की मौत हो गयी।

दक्षिण अफ़्रीकी चीता मेटापॉपुलेशन विशेषज्ञ विंसेंट वान डेर मेरवे ने चीते के शावकों की मौत पर कहा था कि यह नुकसान चीता शावकों के लिए अपेक्षित मृत्यु दर के भीतर है। जंगली चीतों के लिए शावक मृत्यु दर विशेष रूप से अधिक है। इस कारण से चीते अन्य जंगली बिल्लियों की तुलना में बड़े बच्चों को जन्म देने के लिए विकसित हुए हैं। यह उन्हें उच्च शावक मृत्यु दर की भरपाई करने में सक्षम बनाता है।

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