Manipur Election 2022: मणिपुर में जदयू ने बनाई पैठ, BJP के मायूस टिकटार्थियों को उतारा मैदान में

मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) के इस विधानसभा चुनावों में अचानक सुर्खियों में आने की वजह बड़े पैमाने पर अन्य दलों के असंतुष्टों को पार्टी में शामिल करके टिकट देना है।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-02-04 16:57 IST

JDU के चुनाव चिन्ह की तस्वीर 

Manipur Election 2022: बिहार और मणिपुर, दोनों राज्यों की दूरी नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने कम कर दी है। भले ही जनता दल (यूनाइटेड) का बिहार के पड़ोस में यानी यूपी में कोई ख़ास अस्तित्व नहीं है लेकिन मणिपुर के विधानसभा चुनाव में वह मजबूती से अपनी मौजूदगी दिखा रही है।

मणिपुर में जनता दल (यूनाइटेड) के इस विधानसभा चुनावों में अचानक सुर्खियों में आने की वजह बड़े पैमाने पर अन्य दलों के असंतुष्टों को पार्टी में शामिल करके टिकट देना है। जदयू ने भाजपा में टिकट से वंचित रह गए 10 से ज्यादा नेताओं को अपनी पार्टी में लेने के बाद टिकट दे कर चुनाव मैदान में उतार दिया है। जदयू ने दो दिन पहले 36 चुनावी उम्मीदवारों की जो सूची जारी की उनमें ये असंतुष्ट पूर्व भाजपाई भी शामिल हैं।

भाजपा और जद (यू) दोनों बिहार और केंद्र में एनडीए के सहयोगी हैं, लेकिन वे 60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा के लिए अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा द्वारा अपने सभी 60 उम्मीदवारों की घोषणा करने के साथ, इसके रिजेक्टेड टिकटार्थी अब चुनाव लड़ने के लिए अन्य दलों का रुख कर रहे हैं। कई नेता और अन्य दलों, खासकर कांग्रेस के टिकट उम्मीदवार हाल के दिनों में जद (यू) में शामिल हो गए हैं।

जेडीयू के चुनाव चिन्ह के झंडे की तस्वीर 

जद (यू) के उम्मीदवारों की सूची में कुछ प्रमुख चेहरों में जिरीबाम के निर्दलीय विधायक अशबउद्दीन, थंगमीबंद के कांग्रेसी विधायक जॉयकिशन, लिलोंग से निर्दलीय विधायक मोहम्मद अब्दुल नासिर, पूर्व भाजपा विधायक सैमुअल जेंडाई, पूर्व डीजीपी एलएम खौटे, कांग्रेस उपाध्यक्ष द्विजामणि, और कांग्रेस के पूर्व विधायक के देवेंद्र सिंह और कश बीरेन शामिल हैं। इस सूची में अकेली महिला उम्मीदवार पूर्व पुलिस अधिकारी बृंदा हैं। बृंदा को भी भाजपा ने टिकट से वंचित कर दिया था। वह मणिपुर नारकोटिक्स डिवीजन की पहली पुलिस अधिकारी हैं जिन्हें वीरता पुरस्कार मिला है।

अभी तक नहीं मिली है सफलता

हालांकि जद (यू) मणिपुर में 2003 से अस्तित्व में है, लेकिन वह अब तक किसी भी चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही है। मणिपुर जद (यू) के अध्यक्ष हंगखानपाओ ताइथुल के अनुसार, पार्टी ने अपने प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व की बदौलत लोकप्रियता हासिल की है।

सभी ने देखा है कि कैसे नीतीश कुमार ने बिहार को बदल दिया। यही एक बड़ा कारण है कि लोग अन्य पार्टियों की तुलना में जद (यू) को तरजीह दे रहे हैं।

भाजपा की 'बी' टीम

हालांकि मणिपुर के राजनीतिक हलकों में एक मजबूत धारणा है कि एनडीए का सहयोगी होने के नाते जद (यू), भाजपा की बी-टीम होगी। कुछ पर्यवेक्षकों का कहना है कि इसी वजह से कई असंतुष्ट भाजपाई उम्मीदवार जदयू में शामिल हो गए हैं। प्रदेश जदयू अध्यक्ष इस तरह की धारणा को "निराधार" करार देते हुए कहते हैं कि भले ही जदयू एनडीए की भागीदार है लेकिन इससे पार्टी भाजपा की बी-टीम नहीं बन जाती है।


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