अगले दो साल तक बनी रहेगी कोरोना महामारी, शीर्ष संस्थानों के वैज्ञानिकों की चेतावनी

दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद अब हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर दुनिया से इस वायरस का खात्मा कब तक होगा। दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह वायरस इतनी जल्दी इंसानों का पीछा नहीं छोड़ने वाला है।

Update: 2020-05-01 15:46 GMT

अंशुमान तिवारी

न्यूयॉर्क: दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के बाद अब हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर दुनिया से इस वायरस का खात्मा कब तक होगा। दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते केसों के बीच एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह वायरस इतनी जल्दी इंसानों का पीछा नहीं छोड़ने वाला है। विशेषज्ञों की एक टीम का कहना है कि कोरोना की महामारी अगले दो साल तक चलने की आशंका है।

अमेरिका के सेंटर फॉर इनफेक्शियस डिसीज (सीआईडीआरएपी) के डायरेक्टर क्रिस्टन मूर, टुलाने यूनिवर्सिटी के पब्लिक हेल्थ हिस्टोरियन जॉन बैरी और हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के महामारी विज्ञानी मार्क लिप्सिच ने मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की है।

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कोरोना पर काबू पाना मुश्किल

ब्लूमबर्ग में छपी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लू की तुलना में कोरोना के वायरस को काबू में करना मुश्किल है क्योंकि तमाम ऐसे लोग हैं जिनमें इस बीमारी के लक्षण दिखाई नहीं दे रहे हैं मगर वे दूसरों तक इसका संक्रमण फैला रहे हैं। तीनों विशेषज्ञों का कहना है कि तमाम लोगों में लक्षण तब सामने आ रहा है जब उनमें संक्रमण काफी ज्यादा फैल चुका होता है।

लॉकडाउन खत्म होने पर संक्रमण का खतरा

विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तक दुनिया में इस वायरस का भयंकर संक्रमण इसलिए नहीं हो सका क्योंकि दुनिया भर में लॉकडाउन के कारण अरबों लोग घरों के भीतर कैद हैं। लेकिन जब लॉकडाउन खुलेगा और सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ बढ़ेगी तो इस वायरस का खतरा फिर बढ़ जाएगा। उनका कहना है कि अगर इस वायरस की वैक्सीन बन भी गई तो यह महामारी 2022 तक बनी रह सकती है क्योंकि तब तक 70 फ़ीसदी लोगों तक ही वैक्सीन पहुंच सकेगी।

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लोगों को करना होगा आगाह

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विभिन्न देशों की सरकारों को इस वायरस के जोखिम के प्रति लोगों को आगाह करना होगा और उन्हें यह बताना होगा कि यह महामारी इतनी जल्दी खत्म नहीं होने वाली। इसलिए लोगों को अगले दो वर्षों के लिए बार-बार आने वाली इसकी वेव्ज के लिए खुद को तैयार भी रखना होगा।

वैक्सीन के साथ जुड़ी है यह चुनौती

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस महामारी की वैक्सीन बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। इस बात की संभावना है कि इस साल के अंत तक कुछ मात्रा में वैक्सीन मिल भी जाए, लेकिन इतनी बड़ी आबादी तक वैक्सीन को पहुंचाना भी एक चुनौती है। ऐसे में इस महामारी का खतरा आगे भी बना रहेगा। रिपोर्ट में अमेरिका का उदाहरण देते हुए कहा गया है कि 2009-10 में फ्लू महामारी से इम्यूनिटी के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन तैयार की गई थी, लेकिन तब तक महामारी अपने चरम पर पहुंच गई थी।

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एक अन्य रिसर्च में भी दी गई है चेतावनी

अभी हाल में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च में भी कहा गया है कि जब तक कोरोना का कोई असरदार इलाज या वैक्सीन नहीं खोज ली जाती तब तक इस महामारी को खत्म करना असंभव है। इस रिसर्च में चेतावनी दी गई है कि बिना असरदार इलाज के कोरोना वायरस प्लू की तरह बना रह सकता है और 2025 तक हमेशा इसके संक्रमण फैलने का खतरा बना रहेगा। इस स्टडी के लीड ऑथर स्टीफन किसलेर का कहना है कि कोरोना से बचने के लिए हमें सोशल डिस्टेंसिंग का महत्व समझना होगा और आने वाले दो सालों तक सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखना होगा।

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