WHO की बड़ी चेतावनी: कोरोना महामारी की दूसरी लहर होगी ज्यादा खतरनाक

विश्व स्वास्थ संगठन ने कहा है कि जिन देशों में कोरोना के मामले घट रहे हैं उन्हें ज्यादा निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, वहां अचानक मामले बढ़े भी सकते हैं।

Update: 2020-05-26 16:19 GMT

नई दिल्ली: विश्व स्वास्थ संगठन ने कहा है कि जिन देशों में कोरोना के मामले घट रहे हैं उन्हें ज्यादा निश्चिंत होने की जरूरत नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी है कि जिन देशों में संक्रमण के मामलों में कमी आ रही है, वहां अचानक मामले बढ़े भी सकते हैं। संगठन के मुताबिक कोरोना वायरस की दूसरी लहर पहली से ज्यादा तेज और खतरनाक साबित होगी।

सरकारों को हमेशा तैयार रहना होगा

विश्व स्वास्थ्य संगठन के इमरजेंसी प्रमुख डॉक्टर माइक रेयान ने कहा कि कोरोना के केस घटने पर ज्यादा खुशफहमी पालने की जरूरत नहीं है क्योंकि केसों में अचानक बढ़ोतरी भी दर्ज की जा सकती है। इसलिए सरकारों को ऐसे उपायों के साथ हमेशा तैयार रहना चाहिए जिनसे महामारी को रोकने में मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि इस समय दुनिया के तमाम देश कोरोना संक्रमण की पहली लहर से जूझ रहे हैं। कई देशों में कोरोना के मामलों में कमी भी दर्ज की गई है जबकि दक्षिण अमेरिका, दक्षिण एशिया और अफ्रीका में अभी भी कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं।

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महामारी की दूसरी लहर होगी ज्यादा तेज

रेयान ने कहा कि कोई भी महामारी हमेशा वेव्स यानी लहरों के रूप में आती है। इसका मतलब समझने की जरूरत है। इसका मतलब है कि महामारी उन इलाकों में दोबारा दस्तक दे सकती है जहां मामलों की संख्या में कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि अगर मौजूदा समय में चल रहे संक्रमण के पहले दौर को रोकने में कामयाबी मिल भी गई तो अगली बार संक्रमण की दर बेहद तेज और खतरनाक हो सकती है।

निश्चिंत होने की जरूरत नहीं

उन्होंने कहा कि हमें यह समझना होगा कि यह महामारी बहुत तेजी के साथ दोबारा उभर सकती है। हम केवल आंकड़ों में केस कम होने की कहानी देखकर निश्चिंत नहीं हो सकते। इस आधार पर संकट के टलने का आकलन नहीं किया जा सकता क्योंकि इसका दूसरा दौर आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

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इन देशों को तेज करनी होंगी कोशिशें

डब्ल्यूएचओ के इमरजेंसी प्रमुख ने कहा कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका को कोरोना से बचाव की कोशिशें तेज करनी होंगी। उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्राजील में कोरोना का हमला काफी तेज दिख रहा है और इन दोनों देशों को इससे बचाव के उपाय करने के लिए जुटना होगा। उन्होंने कहा कि यूरोप और उत्तरी अमेरिका को कोरोना की जांच बढ़ाने के साथ ही बचाव की रणनीति पर भी काम करने की जरूरत है ताकि वहां संक्रमण की दर को कम किया जा सके।

ऐसा करना हो सकता है घातक

उन्होंने कहा कि कई यूरोपीय देशों और अमेरिकी राज्यों ने लॉकडाउन खत्म करने के साथ ही उन उपायों से भी किनारा कर लिया है जिनसे संक्रमण को कम किया जा सकता है। इस मामले में सतर्क नीति अपनाए जाने की जरूरत है क्योंकि यह महामारी इतनी जल्दी खत्म होने वाली नहीं है।

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डब्ल्यूएचओ की चेतावनी को अमेरिका के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि कोरोना का सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में ही दिख रहा है। अर्थव्यवस्था की रफ्तार में तेजी लाने के लिए अब अमेरिका में तमाम तरीके की रियायतें दी जा रही हैं। हालांकि जानकारों का कहना है कि ऐसा करना खतरनाक भी साबित हो सकता है।

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