अचानक विदाई में दुल्हन ने लिया फैसला, दूल्हे समेत हिल उठे सभी बाराती

नेहा ने अपने पिता का हाथ पकड़ कर अपने ससुर से कहा कि बाबूजी मेरे माता पिता ने अपने सारे सपनों को मारकर हम बहनों को पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया। क्या आप जानते हैं कि एक पिता के लिए उसकी बेटी क्या मायने रखती है। आप और आपका बेटा यह नहीं जान सकता क्योंकि आपके कोई बेटी नहीं है।

Update:2020-12-13 12:58 IST
मेहमान धीमी गति से चलती कारों में बैठे हुए दूल्हा –दूल्हन को आशीर्वाद  देते हुए आगे बढ़ते चलें गये। सभी कारों के शीशे चढ़ा दिए गए ताकि सोशल डिस्टेंट का पालन करते हुए लोग हाथ हिलाकर शुभाशीष दे सके।

नई दिल्ली : शादी के बाद विदाई का समय था और दुल्हन विदा होने के लिए बिल्कुल तैयार थी। दुल्हन कार तक पहुंची लेकिन कुछ ऐसा हो गया कि दुल्हन ने ससुराल जाने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि हमने कई शादी की विदाई देखी होगी लेकिन इस विदाई में जो कुछ हुआ वो आप सभी को चौका देगी। आपको बता दें कि मां बाप अपनी बेटी की शादी में कोई कमी नहीं रखते। वो अपनी जिंदगी भर की कमाई अपनी बेटी की शादी में लगा देते हैं।

ससुराल जाने से किया इंकार

आपको बता दें कि दुल्हन का नाम नेहा और जिससे इसकी शादी हुई उसका नाम अविनाश है। आपको बता दें कि ऐसा क्या हुआ इस विदाई में जो नेहा ने अपने ससुराल जाने से इंकार कर दिया। आपको बता दें कि जब विदाई हो रही थी तब अविनाश के एक दोस्त ने कहा की यहां से निकलकर सबसे पहले अमृतबाग में चलकर खाना खाएंगे। अविनाश के दोस्त ने कहा कि यार तेरी शादी में खाने में मजा नहीं आया। तभी अविनाश का छोटा भाई बोला पनीर में मजा नहीं आयी और रस मलाई में रस नहीं था यार।

विदाई में मौजूद सभी लोग हुए हक्काबक्का

अविनाश ने कहा कि अरे हम चलेंगे अमृतबाग जो खाना हो वहा चल कर कहा लेना। आपको बता दें कि घुंघट में बैठी नेहा ने मुड़कर वापस अपने पिता के पास चली गयी। और अपने पिता से कहा कि मैं अपने ससुराल नहीं जाऊंगी। यह बात सुनकर तो उस विदाई में मौजूद सभी लोग हक्काबक्का हो गए। आपको बता दें कि जितने लोग वहां थे किसी को समझ नहीं आया कि अचानक से नेहा को क्या हो गया। आपको बता दें कि नेहा अपने पिता से कहती है कि आपने मेरी शादी के लिए कितने कष्ट को सहा है। लेकिन ये लोग नहीं समझ सकते।

नेहा ने कही अपने ससुर से यह बात

नेहा ने अपने पिता का हाथ पकड़ कर अपने ससुर से कहा कि बाबूजी मेरे माता पिता ने अपने सारे सपनों को मारकर हम बहनों को पढ़ाया लिखाया और काबिल बनाया। क्या आप जानते हैं कि एक पिता के लिए उसकी बेटी क्या मायने रखती है। आप और आपका बेटा यह नहीं जान सकता क्योंकि आपके कोई बेटी नहीं है। मेरे पिता और माता ने मेरी शादी के लिए एक साल से लिस्ट बना रहे हैं कि मेरी शादी में क्या पकवान बनेंगे और कौन इसे बनाएंगा। और आपके बेटे और उनके दोस्त के साथ मेरे देवर को खाने में पनीर में मजा नहीं आया एयर रस मलाई में रस नहीं था। आप बताइए कि रस मलाई में रास नहीं तो इसमें मेरे पिता का क्या दोष।

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नेहा हुई ससुराल को विदा

खाना में मजा नहीं आया तो इसमें रसोइए की गलती है। मेरे पिता आपको अपनी बेटी दे रहे हैं क्या इतना काफी नहीं है। अपना दिल का टुकड़ा दे रहे हैं। आपके बेटे में मेरे पिता का स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है। मैं आपके साथ ससुराल नहीं जाऊंगी। आपको बता दें कि इस पर ससुर और बेटे अविनाश ने नेहा के पिता से माफी मांगी। और नेहा के पिता ने नेहा को समझाया। अविनाश ने नेहा से कहा कि मुझे माफ कर दो। अब ऐसी गलती कभी नहीं होगी। तब नेहा मानकर अपने ससुराल को रवाना हुई।

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