हिटलर का दोस्त था ये राजा, पास में थीं 365 रानियां 88 बच्चे और भी बहुत कुछ
आजादी से पहले देश में जो धनी रियासतें थीं, उसमें पटियाला राजघराना सबसे ऊपर था। महाराजा भूपिंदर सिंह देश के पहले शख्स थे, जिनके पास अपना प्राइवेट प्लेन था। महाराजा की लाइफ स्टाइल ऐसी थी कि अंग्रेज भी उनसे रश्क खाते थे।
लखनऊ: आजादी से पहले देश में जो धनी रियासतें थीं, उसमें पटियाला राजघराना सबसे ऊपर था। महाराजा भूपिंदर सिंह देश के पहले शख्स थे, जिनके पास अपना प्राइवेट प्लेन था। महाराजा की लाइफ स्टाइल ऐसी थी कि अंग्रेज भी उनसे रश्क खाते थे।
वो जब विदेश जाते थे तो पूरा का पूरा होटल किराए पर लेते थे। उनके पास 44 रोल्स रॉयस थी जिनमें से 20 रोल्स रॉयस का काफिला रोजमर्रा में सिर्फ राज्य के दौरे के लिए इस्तेमाल होती थीं।
महाराजा भूपिंदर पटियाला घराने के ऐसे राजा रहे हैं। जिनको लेकर बहुत ढेर सारे किस्से रहे हैं। वो भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे। जब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड को खड़ा किया गया, उसमें महाराजा ने मोटा धन दिया।
इसके अलावा 40 के दशक तक जब भी भारतीय टीम विदेश जाती थी तो अमूमन उसका खर्च वो उठाया करते थे लेकिन इसके एवज में वो टीम के कप्तान भी बनाये जाते थे।
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पास में खुद का विमान और भी बहुत कुछ
महाराजा वो शख्स भी थे, जिनके पास देश का पहला व्यक्तिगत विमान था, इसे उन्होंने 1910 में ब्रिटेन से खरीदा था। विमान उड़ाने और रखरखाव के लिए उनके पास पूरा स्टाफ था।
इस विमान के लिए पटियाला में ही विमान पट्टी भी बनाई गई थी। महाराजा अक्सर इससे विदेश की यात्राएं करते थे, इस राजा की 88 वैध संतानें थीं। उसकी शानोशौकत के चर्चे दुनियाभर में फैले थे।
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दस रानियां और 300 से ज्यादा उपरानियां
दीवान जर्मनी दास ने अपनी "महाराजा" किताब में पटियाला के महाराजा पर विस्तार से लिखा है। लेपियर कोलिंग की "फ्रीडम एट मिडनाइट" में भी महाराजा की सनक और तड़क-भड़क भरी जीवन शैली का विस्तार से जिक्र हुआ है।
महाराजा ने दस बार शादियां कीं। इसके अलावा उनके हरम में 300 से ज्यादा उपरानियां थीं। इसमें एक से बढ़कर एक सुंदर महिलाएं थीं, जिसमें कई विदेशी भी थीं।
महाराजा ने 88 बच्चे पैदा किए। वो जब भी विदेश जाते थे तो उनके साथ एक बड़ा लावलश्कर भी जाता था। वो लंदन या पेरिस में सबसे मंहगे होटल की कई मंजिलों को एकसाथ किराए पर ले लेते थे। उसका पूरा खर्च वो खुद वहन करते थे।
44 रोल्स रॉयस कारें, हिटलर भी था दोस्त
महाराजा के पास एक से बढ़कर एक कारें थीं, जिसमें 44 तो रोल्स रॉयस ही थीं, यहां तक हिटलर ने भी महाराजा को एक कार उपहार में थी। 1935 में बर्लिन दौरे के वक्त भुपिंदर सिंह की मुलाकात हिटलर से हुई। कहा जाता है कि राजा से हिटलर इतने प्रभावित हो गए कि उसने अपनी माय्बैक कार राजा की तोहफे में दे दी। हिटलर से महाराजा की दोस्ती लंबे समय तक रही।
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