ये अद्भुत पेड़! इन 8 फलों के लिए है बहुत फेमस, यहां जानें पूरी खबर

आपने अलग-अलग तरीके के फल खाएं होंगे, लेकिन शायद आपने कभी एक ही पेड़ में लगे 8 तरीके के फल नहीं खाएं होंगे। आप इसके बारे में जानते भी नहीं होंगे।

Update: 2019-11-24 10:01 GMT

लखनऊ: आपने अलग-अलग तरीके के फल खाएं होंगे, लेकिन शायद आपने कभी एक ही पेड़ में लगे 8 तरीके के फल नहीं खाएं होंगे। आप इसके बारे में जानते भी नहीं होंगे। तो आज हम आपको बतातें हैं एक ऐसे ही पेड़ के बारे में, जिसका नाम फ्रूट सैलड ट्री हैं। जिसके नाम से साफ़ पता चलता है उसका मतलब। जिस तरह सलाद में कई सब्जियां होती हैं, ठीक इसी तरह फ्रूट सैलड ट्री पर कई तरह के फल उगते हैं। इस पर 6 से 8 तरह के एक ही प्रजाति के फल उग सकते हैं जैसे खट्टा फल नींबू, संतरा, चकोतरा आदि। इस तरह के पेड़ पर अलग-अलग तरह के फल जैसे सेब और केला एक साथ नहीं उगाया जा सकता है। तो आज हम आपको इस फल के बारें में पूरा बताते हैं...

ये भी देखें:सिर्फ 27 रुपये में सरकार 10 लाख कमाने का दे रही ऑफ़र, जल्दी करें मौका छूट न जाए

ऑस्ट्रेलिया के जेम्स और केरी वेस्ट यह आइडिया लाए थे

1990 के शुरुआती दशक में ऑस्ट्रेलिया के जेम्स और केरी वेस्ट यह आइडिया लाए थे। पहले फ्रूट सैलड ट्री को ऑस्ट्रेलिया में ही सफलतापूर्वक उगाया गया। उसके बाद में ऑस्ट्रेलिया से ये पेड़ दुनिया के अन्य हिस्सों में पहुंचे। फ्रूट सैलड ट्री को खुले मैदान में या फिर गमले में उगाया जा सकता है।

खास तौर पर फ्रूट सैलड ट्री चार प्रकार के होते हैं। जिनके नाम स्टोन फ्रूट, सिट्रस फ्रूट, मल्टि ऐपल और मल्टि नाशी है। स्टोन फ्रूट ट्री में बेर, खूबानी, आड़ू और शफतालू को उगाया जा सकता है। गर्म जलवायु में ये ज्यादा अच्छे से फलता है। सिट्रस फ्रूट सैलड ट्री पर नींबू, संतरा, चकोतरा, टैंगलो, पोमेलो, मैंडरिन आदि के फल उगाए जा सकते हैं। मल्टि ऐपल ट्री में तरह के सेब जैसे हरे, पीले और लाल सेब की पैदावार हो सकती है। मल्टि नाशी ट्री में कई तरह की नाशपाती की पैदावार हो सकती है।

इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि छोटी सी जगह में आप कई फल उगा सकते हैं। इसमें खामी भी है। खामी यह है कि इसमें अलग प्रजाति के फल जैसे सेब और केला की एक साथ नहीं उग सकते हैं।

ये भी देखें:गैस सिलिंडर के साथ फौरन कर लें काम, नहीं तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत

इस पेड़ को रात भर में एक बाल्टी पानी में भिगोकर रखा जाता है। उसके बाद जमीन में बड़ा सा गड्डा करना पड़ता है। जड़ों को फैलाकर पेड़ को सुराख में डालना होता है। ठंडी और गर्मी के मौसम में साल में दो बार उसमें खाद डाली जाती है। पेड़ रोपने के 6 से 18 महीने के अंदर पेड़ पर फल लगते हैं।

Tags:    

Similar News