अजब: रहस्यों से भरा है इस विरान शहर का इतिहास, जानकर हो जाएंगे हैरान

जब जब दुनिया में प्रलय और प्रकोप आता है कुछ ना कुछ रहस्य जरूर छोड़ जाता है। वैसे भी दुनिया के रहस्यों की कमी नहीं हैं। इस दुनिया में कई ऐसी जगहें जो अपने आप में कई अनसुलझे रहस्य के साथ विरान हैं। ऐसी ही एक जगह हैं दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू ।

Update: 2020-04-09 17:38 GMT

नई दिल्ली: जब जब दुनिया में प्रलय और प्रकोप आता है कुछ ना कुछ रहस्य जरूर छोड़ जाता है। वैसे भी दुनिया के रहस्यों की कमी नहीं हैं। इस दुनिया में कई ऐसी जगहें जो अपने आप में कई अनसुलझे रहस्य के साथ विरान हैं। ऐसी ही एक जगह हैं दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में स्थित माचू पिच्चू । 8,000 फीट की उंचाई पर बसा यह वीरान शहर 450 साल से रहस्य में बना हुआ हैं जो कि इंका सभ्यता का ऐतिहासिक स्थल माना जाता हैं। यह शहर समुद्र तल से 2430 मीटर यानी करीब 8,000 फीट की उंचाई पर उरुबाम्बा घाटी के ऊपर एक पहाड़ पर स्थित है। जानते हैं इसके बारे में।

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'इंकाओं का खोया हुआ शहर'

माचू पिच्चू को अक्सर लोग 'इंकाओं का खोया हुआ शहर' भी कहते हैं। यह इंका साम्राज्य के सबसे परिचित प्रतीकों में से एक है। इसे पेरू का एक एतिहासिक देवालय भी कहते हैं, इसलिए इसे एक पवित्र स्थान मानते है। साल 1983 में इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया गया है। वैसे तो स्थानीय लोग माचू पिच्चू के बारे में बहुत पहले से जानते थे, लेकिन इसे दुनिया के सामने लाने का श्रेय अमेरिकी इतिहासकार हीरम बिंघम को दिया जाता है।

इस साल हुई खोज

उन्होंने साल 1911 में इस जगह की खोज की थी। तब से यह जगह दुनियाभर के लिए एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन गई है। बड़ी संख्या में लोग माचू पिच्चू को देखने के लिए आते हैं और इसके इतिहास और रहस्यों को समझने की कोशिश करते हैं। माना जाता है कि 1450 ईस्वी के आसपास इंकाओं ने इसका निर्माण किया था, लेकिन इसके लगभग सौ साल बाद ही जब स्पेनियों ने इंकाओं पर जीत हासिल कर ली तो वो इस जगह को हमेशा-हमेशा के लिए छोड़कर चले गए। तब से लेकर आज तक यह शहर वीरान ही पड़ा है। अब तो यहां बस खंडहर की बचे हैं।यहां के लोग गायब हो गए थे

 

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क्यों कराया गया था निर्माण

माचू पिच्चू शहर का निर्माण क्यों कराया गया था, यह अब तक एक रहस्य ही है। कहते हैं कि इस जगह का इस्तेमाल इंसानों की बलि देने के लिए किया जाता था और उन्हें यहीं पर दफना दिया जाता था। पुरातत्वविदों को यहां से कई कंकाल मिले हैं, लेकिन सबसे हैरानी की बात ये है कि इनमें से अधिकतर कंकाल महिलाओं के हैं। इसको लेकर कहा जाता है कि इंका सूर्य देव को अपना भगवान मानते थे और उन्हें खुश करने के लिए कुंवारी स्त्रियों की बलि देते थे। हालांकि बाद में पुरुषों के भी कंकाल मिलने के बाद इस तथ्य को नकार दिया गया था।

एलियंस ने करवाया निर्माण

कुछ वैज्ञानिकों ने तो यह भी माना है कि इस जगह का निर्माण एलियंस ने करवाया है और एलियंस के कारण ही यहाँ कोई इंसान रह नही पाता है। लेकिन एलियंस होने या एलियंस द्वारा इस जगह के निर्माण का कोई सबूत नही मिला है। मॉडर्न वैज्ञानिकों ने अपनी खोज में खुलासा करते हुए कहा है कि पुरातत्व वैज्ञानिकों द्वारा एलियंस द्वारा इस स्थान का निर्माण करने की कहानी झूठ है।

इस जगह को लेकर एक और हैरान करने वाली मान्यता है। कुछ लोग मानते हैं कि माचू पिच्चू को इंसानों ने नहीं बल्कि एलियंस ने बनाया था, लेकिन बाद में वो इस शहर को छोड़कर चले गए। अब सच क्या है, ये तो किसी को नहीं पता, लेकिन इस जगह से जुड़ी ये मान्यताएं हैरान जरूर करती हैं।विश्व भर में इस स्थान के बारे में बताने वाले बिंघम ही थे। उन्होंने ही बताया था कि यह स्थान इंका सभ्यता का आखिरी स्थान है और बिंघम ने ही इसे “द लॉस्ट सिटी” नाम दिया। इन्होंने ही इस स्थान की खोज की और इसे पर्यटन स्थल बनाने में सरकार की सहायता की।

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