यह कहानी पढ़ चौंक जाएंगे आप, यहां पर पेड़ पर उगते हैं जूते
दुनिया में सैकड़ों स्थानों आपको जूते और चप्पल से लदे हुए पेड़ मिल जाएंगे। इन पेड़ों के अस्तित्व में आने की कहानी रोचक और जटिल है। इन पेड़ों का संबंध महामंदी से बताया जाता है।
नई दिल्ली: दुनिया में सैकड़ों स्थानों आपको जूते और चप्पल से लदे हुए पेड़ मिल जाएंगे। इन पेड़ों के अस्तित्व में आने की कहानी रोचक और जटिल है। इन पेड़ों का संबंध महामंदी से बताया जाता है।
बताया जाता है कि महामंदी के दौरान उत्तर अमेरिका के लोगों ने समुदाय के दूसरे लोगों की मदद का अनोखा रास्ता अपनाया था। महामंदी के कारण लोगों के लिए रोजमर्रा की चीजों का इंतजाम करना कठिन हो गया था। ऐसे में लोगों ने सोचा कि उनके पास जो जूते, चप्पल और स्लिपर अतिरिक्त हैं, वे उनको पेड़ में लटका देते हैं। कोई जरूरतमंद आदमी वहां से उसे उठा लेगा।
महामंदी के बाद भी यह परंपरा चलती रही और तब इसकी वजह कुछ और बन गई। दरअसल अमेरिका कई तरह के युद्ध में शामिल रहा है। दूसरे विश्व युद्ध, कोरिया और वियतनाम पर हमला। इन सब युद्ध में अमेरिका ने सीधे तौर पर शामिल हुआ।
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लड़ाई के बाद जब सैनिक अपने घरों को लौटते थे तो वह पेड़ों पर अपना जूता फेंक देते थे। वह एक तरह से खुशी का इजहार करते थे कि एक मिशन समाप्त हुआ और जिंदगी के अब नया अध्याय शुरू होगा। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये पेड़ हवाई, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, नीदरलैंड्स, यूके, दक्षिण अफ्रीका, रूस और मध्य पूर्व के देशों में पाए जाते हैं।
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इन पेड़ों को लेकर तरह-तरह कि किंवदंतियां हैं। अमेरिकी शहर सलेम में प्रचलित एक किंवदंती के मुताबिक, एक सीरियल किलर था। वह लोगों की हत्या करके पीड़ित के जूते एक पेड़ पर लटका देता था। वह इस तरह से हिसाब रखता था कि अब तक कितने लोगों की हत्या की।
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एक रिपोर्ट में एक लेखक के मुताबिक कहा गया है कि यूरोप और यूके में इस तरह के पेड़ों का संतान उत्पत्ति के कर्मकांड से संबंध है। कुछ जगहों पर यह मान्यता है कि पेड़ हिलाने पर अगर जूता गिर जाता है तो यह अपशकुन की निशानी है।