Odisha के पूर्व CM गिरिधर गमांग और बेटे ने छोड़ी बीजेपी, KCR की पार्टी BRS का थामेंगे दामन
Giridhar Gamang:ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरिधर गमांग और उनके बेटे शिशिर ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया। गमांग पिता-पुत्र 2024 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर BRS में शामिल हो सकते हैं।
Giridhar Gamang: ओडिशा के पूर्व सीएम गिरिधर गमांग और उनके बेटे शिशिर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से इस्तीफा दे दिया है। गिरधर गमांग ने अपनी उम्र का हवाला देते हुए आगे चुनाव न लड़ने की घोषणा की। उन्होंने कहा, उनका बेटा शिशिर चुनाव लड़ेगा। गमांग ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) की भारत राष्ट्र समिति (BRS) में शामिल होने का इशारा दिया।
गौरतलब है कि गिरधर गमांग पुराने कांग्रेसी रहे हैं। कांग्रेस छोड़ने के बाद साल 2015 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन किया था। गमांग पिता-पुत्र की जोड़ी ने बुधवार (25 जनवरी) को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने की घोषणा की। उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
इस्तीफे में क्या कहा?
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री गिरधर गमांग ने अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए कहा, 'मैंने महसूस किया है पिछले कई वर्षों से के दौरान ओडिशा में अपने लोगों के लिए राजनीतिक, सामाजिक और नैतिक कर्तव्य का निर्वहन करने में असमर्थ रहा हूं। इसलिए, मैं तत्काल प्रभाव से बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। कृपया इसे स्वीकार करें।'
13 जनवरी को मिले थे चंद्रशेखर राव से
गिरिधर गमांग ओडिशा की राजनीति के कद्दावर नेता रहे हैं। ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री और कोरापुट से 9 बार सांसद रहे गिरिधर गमांग ने अपने बेटे शिशिर गमांग के साथ बीते 13 जनवरी को तेलंगाना सीएम के. चंद्रशेखर राव से मिले थे ,उनकी मुलाकात सुर्ख़ियों में थी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पिता-पुत्र की जोड़ी जल्द ही बीआरएस ज्वाइन कर सकते हैं। गिरिधर गमांग के बेटे शिशिर गमांग ने प्रेस वार्ता में कहा, उन्होंने यह महसूस करने के बाद इस्तीफा दिया है कि वह बीते कई वर्षों से आदिवासी समुदाय और युवाओं के कल्याण के लिए ज्यादा कुछ नहीं कर सके।
.. तो इसलिए बीजेपी से हैं नाराज
गमांग पिता-पुत्र की जोड़ी ने मीडिया को बताया कि 'उनका इस्तीफा भी बीजेपी के भीतर अपमानित होने से उपजा है। शिशिर गमांग बोले, 'बीजेपी ने उनसे साल 2019 में कोरापुट लोकसभा सीट से पार्टी का टिकट देने का वादा किया था। मगर, उन्हें गुनूपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया गया। जहां से वह निराशाजनक प्रदर्शन के साथ हार गए। शिशिर ने कहा, 2019 के लोकसभा चुनाव में किसी ने मेरी मदद नहीं की। चुनाव के बाद भी कोरापुट क्षेत्र में पूरी पार्टी एक नेता के इशारे पर काम कर रही थी। मुझे किसी प्रकार का महत्व नहीं दिया गया।'