प्रदेश भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन न होने से विरोधियों को झटका ? सेवा , समर्पण ही होगा आगामी चुनावों में बीजेपी का मूलमंत्र
उप्र में सभी राजनैतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है
उप्र में सभी राजनैतिक दलों ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है और इसी कड़ी में अब प्रदेश में चार वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने भी कोरोना महामारी के संकट से निपटने के बाद अपनी अगली रणनीति को अंतिम रूप देना शरू कर दिया है।
गत दिनों प्रदेश में भाजपा सरकार व संगठन के बीच समीक्षा बैठकों दौर शुरू हुआ और इसी के साथ सोशल मीडिया से लेकर टीवी मीडिया और विदेशी मीडिया में भी तरह -तरह की अफवाहों की चर्चा शुरू हो गयी। चुनावों के समय से पहले सभी राजनैतिक दल अपने संगठन व कामकाज की समीक्षा करते हैं चिंतन-मनन करते हैं यह लोकतंत्र में एक स्वस्थ व स्वाभाविक परम्परा है। उप्र में बीजेपी नेतृत्व को लेकर कई दिनों से अफवाहों का बाजार तो तेजी से गर्म हो रहा था और हर रोज प्रदेश में नये -नये मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी पैदा होने लगे थे। प्रदेश बीजेपी व संघ की राजनीति में भी जो लोग मोदी व योगी विरोधी खेमे के माने जाते रहे हैं उनमें से भी निहित स्वार्थी लोगों ने अपने मीडिया मित्रों की सहायता से अफवाहों को आगे बढ़ाने का काम किया।
विदेशी अखबार और वेबसाइट बीबीसी लंदन ने तो पूरा एक आपत्तिजनक लेख ही प्रकार्षित कर दिया जिसका शीर्षक था," योगी आदित्यनाथ ,क्या मोदी -शाह को सीधे चुनोती दे रहे है ? बीजेपी और संघ विरोधी एक अखबार ने लिखा कि क्या योगी जी ने केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ बगावत कर दी है, यह भी लिखा गया कि बीजेपी में अटल-आडवाणी के बीच आपसी द्वंद के बाद मोदी और योगी के बीच कलह आदि । बीजेपी व संघ विरोधी सेकुलर मीडिया ने खूब चटखारे लेकर तरह- तरह की स्टोरी बना डालीं लेकिन उन स्टोरियों का कोई असर नहीं पड़ा है और अब अफवाहों फैलाने वाला गैंग फिलहाल बेनकाब हो चुका है। इसी प्रकार की स्टोरियों असम विधानसभा चुनावों के दौरान भी बनायी गयी थीं कि बीजेपी में दो फाड़ हो गये हैं। आजकल जरा- सी बात पर बीजेपी व संघ के खिलाफ नकारात्मक विचार फैलाये जाने का अभियान चल रहा है यह उसी कड़ी का एक अंग है।
जब केंद्रीय संगठन महामंत्री बी एल संतोष जी लखनऊ में सरकार व संगठन के साथ बैंठकें कर रहे थे उस समय प्रदेश के टीवी चैनल उन खबरों को ऐसे प्रसारित कर रहे थे कि जैसे प्रदेष की राजनीति में कोरोना महामारी के दौरान कोई और बड़ा हॉरर शो चल रहा हो या फिर कोई बहुत बड़ा राजनैतिक भूकंप आने वाला हो। लेकिन फिलहाल आज उन सभी लोगों के कलेजे में सांप लोट रहा है जो लोग यह सोच रहे थे कि अब योगी राज से मुक्ति मिलने जा रही है। संगठन व सरकार के साथ चली लंबी बैठकों के बाद संगठन महामंत्री बी एल संतोष के टिवट के बाद योगी विरोधियों को जोर का झटका धीरें से लगा है लेकिन वह अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।
बीजेपी महामंत्री ने अपने टिवट में कोरोना संक्रमण से बचाव को टीकाकरण अभियान की सराहना की और बच्चे के बेहतर देखभाल होने की संभावना जताई। उन्होंने लिखा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उप्र सरकार ने 12 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाने का फैसला किया है। यह समझदारी भरा कदम है इस तार्किक आधार की यदि तीसरी लहर आयी तो बच्चे को ज्यादा प्रभावित करेगी। ऐसे में टीके के सुरक्षा कवच से लैस अभिभावक अधिक सुरक्षित तरीके से अपने बच्चों की देखभाल कर सकेंगे। संतोष जी ने सत्ता में वापसी के लिये सेवा, समर्पण ,समन्वय और सादगी का मंत्र दिया है। उनका कहना था कि चुनाव निकट आने पर विपक्ष द्वारा नकारात्मकता का वातावरण बनाने में मुहिम तेज की जायेगी। ऐसे में आरोपों का तार्किक जवाब देकर विपक्ष को खारिज करना होगा। यह बात तो तय है कि आगे आने वाले दिनों में चुनोती और बढेगी । विपक्ष के आरोंपो के अलावा आम लोगों की जिज्ञासाओं का उचित तर्क से जवाब दिया जायेगा । अपने दौरे के दौरान उन्होंने कोरोना के कहर और पीड़ित परिवारों के लिये सेवा कार्यों की जानकारी ली उन्हाने जरूरतमंदों के लिये सेवा कार्य चलाये जाने का आहवान किया। संतोष जी के दौरे से प्रदेष बीजेपी के कार्यकर्ता को एक नयी ऊर्जा मिली है और अब यह भी साफ हो गया है कि प्रदेश में फिलहाल कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा अब बस इतना ही हो सकता है कि प्रदेश मंत्रिपरिषद में कई विभाग खाली पड़े है उन्हें अगले चुनावों की रणनीति को ध्यान में रखतें हुए भरा जा सकता है।
अब बीजेपी फिलहाल सेवा के मूलमंत्र को ही आधार मानकर चुनाव मैदान में उतरने जा रही है। वर्तमान समय में बीजेंपी अपने पुराने अनुभवों के आधार पर चुनावों से छह माह पहले किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं करेगी। वर्तमान गतिविधियों से उन लोंगो के चेहरे बेनकाब हो गये हैं जो लोग मोदी- योगी के बीच राजनैतिक खाई को बढ़ाकर यूपी और केंद्र से बीजेपी को निपटाने का हसीन सपना देख रहे थे । इस दौरान समाजवादी मुखियां अखिलेष यादव भी टिवट करके आनंद ले रहे थे और बीजेपी व योगी जी को छवि को खराब करने का सपना देख रहे थे वह भी धाराशाई हो चुका है।
वर्तमान समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता अंदर ही अंदर बढ़ रही है। कोरोना की दूसरी लहर में उन्होंने जिस प्रकार आगे आकर हर मंडल, जिला, गांव का दौरा किया उससे अब कोरोना काफी नियंत्रित हो चुका है।
कोरोना की दूसरी लहर बहुत तेज आयी जिसमे सरकारें यह अनुमान नहीं लगा सकी कि आक्सीजन की इतनी आवश्यकता पड़ जायेगी और जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री आक्सीजन की कमी को लेकर हाहाकर मचा रहे थे उस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कड़ी मेहनत से प्रदेश को आक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया है।
अब प्रदेश के अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में पांच करोड़ से अधिक लोगों की जांच हो चुकी है। इतनी जाचें कराने वाला यूपी पहला राज्य बन चुका है। इन दिनों 70 फीसदी से अधिक जांच ग्रामीण इलाकों में कराई जा रही है। प्रदेश में रिकवरी रेट 97.1 फीसदी हो गयी है।
यही नहीं प्रदेष सरकार ने कोरोना लहर मे अनाथ हुए बच्चों की देखभाल के लिए एक बड़ी अच्छी पहल की है। सरकार कई अन्य बड़े कदम भी उठाने जा रही है जिससे कोरोना से प्रभावित परिवारों को मदद मिलेगी। प्रदेश में टीकाकरण अभियान भी चलाया जा रहा है और आम जनमानस में टीका लगवाने के लिए उत्साह भी है। बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के लिए यूपी मे योगी जी को अब हटाना इतना आसान भी नहीं है। प्रदेश की राजनीति मे योगी जी का कद बहुत ऊंचा हो गया है। अब वह केवल यूपी में ही नहीं अपितु देश व विदेश में भी लोकप्रिय हो रहे हैं। योगी जी के कोरोना प्रबंधन की तारीफ विश्व स्वास्थ्य संगठन भी कर रहा है, नीति आयोग ,बाम्बे हाईकोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट भी कर रहा है।
योगी जी वर्तमान समय में हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता बन चुके हैं। अयोध्या में रामजन्मभूमि विवाद का अंत करवाने और मंदिर निर्माण पुरुष
करवाने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है जिसे हिंदू समाज कभी भूल नहीं सकता। प्रदेश में योगी सरकार ने अपराधियों के खिलाफ जिस प्रकार की रणनीति अपनायी है उसकी आज पाकिस्तान में तो चर्चा हो ही रही है वहीं प्रदेष की जनता के बहुत बड़े वर्ग को भी यह रणनीति पसंद आ रही है। प्रयागराज में कुंभ के मेले का शानदार आयोजन करवाया ,वहीं अयोध्या का दीपोत्सव अब पूरे विश्व के पर्यटकों को भविष्य में अपनी ओर आकर्षित करने जा रहा है। अयोध्या, मथुरा, काशी सहित सभी हिंदू समाज के सभी धार्मिक स्थलों का पर्यटन की दृष्टि से विकास किया जा रहा है।
आज देश के कई मुख्यमंत्री योगी जी का अनुसरण करने लग गये है फिर वह चाहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान हों या फिर असम के हिमंता जी हों। सभी जगह योगी जादू चल रहा है। योगी जी क्षेत्रीय व जातिवाद पर आधारित समीकरणों को भी दुरूस्त करने में माहिर हैं। वर्तमान समय में प्रदेश के जो राजनैतिक समीकरण हैं उसमें योगी जी के बाद प्रदेश बीजेपी के पास कोई विकल्पा खेाजना बहुत आसान नही है।
यह बात सही है कि कानपुर के बिकरू कांड के बाद विरोधी दलों ने प्रदेष के ब्राहमण समाज को भड़काने का पूरा प्रयास किया है और सोशल मीडिया के माध्यम से भी कुछ लोग सरकार की छवि को खराब करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं। लेकिन जब योगी जी मैदान मे पूरी ताकत से उतरेंगे तब प्रदेश का नजारा बदल सकता है। अगर कोराना की यह लहर न आयी होती तो अब तक प्रदेश में विकास के काफी काम पूरे हो चुके होते लेकिन अब वह सभी काम गति पकड़ रहे हैं। अभी चुनाव में छह माह से भी अधिक समय है और तैयारियों का भी समय है। अभी सरकार की प्राथमिकता कोरोना पीड़ितों की सेवा और तीसरी लहर की व्यवस्था करना है।
फिलहाल इस दौरान जो लोग पीएम मोदी ,योगी व अमित शाह के बीच विभाजन की रेखा खींचकर बीजेपी के अस्त्त्वि को समाप्त करने का सपना देख रहे थे उनका वह सपना ध्वस्त हो चुका है तथा इस प्रकार की रणनीति को जो लोग अंजाम दे रहे थे वह भी सामने आकर बेनकाब हो चुके हैं।
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