कर्नाटक में उपचुनाव संपन्न , 60 प्रतिशत हुई वोटिंग , 9 को आएँगे नतीजे
कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान हो चुका है। कुल 37.78 लाख मतदाताओं में से 60 प्रतिशत ने गुरुवार को 5:24 बजे तक 15 विधानसभा क्षेत्रों में अपना वोट
बेंगलूरू: कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को मतदान हो चुका है। कुल 37.78 लाख मतदाताओं में से 60 प्रतिशत ने गुरुवार को 5:24 बजे तक 15 विधानसभा क्षेत्रों में अपना वोट डाला, जहां उपचुनाव चल रहे हैं। उपलब्ध मतदाता आंकड़ों के अनुसार, चिक्कबल्लापुरा में सबसे अधिक 79.8 प्रतिशत मतदान हुआ, और सबसे कम 37.5 प्रतिशत बेंगलुरु में केआर पुरम में दर्ज किया गया।
कर्नाटक उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। जिसके बाद सीएम बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार की किस्मत का फैसला होगा। 225 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए कम से कम छह सीटों की दरकार है। आज जिन 15 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं उनमें 12 पर कांग्रेस और तीन पर JDS का कब्जा था।
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इन सीटों पर हुए उपचुनाव
गौरतलब है कि कर्नाटक में अठानी, कगवाड़, गोकक, येलापुर, हिरेकेरूर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबेलापुर, के.आर. पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, के.आर. पेटे, हुनसूर सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। यह उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद खाली हुई सीटों के लिए हुए । इन अयोग्य करार दिए गए विधायकों में कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता शामिल थे।
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विधानसभा में आंकड़ा
कर्नाटक विधानसभा में कुल 225 सीटें (एक मनोनीत) हैं। जेडीएस-कांग्रेस के 17 विधायक अयोग्य ठहराए गए थे। 2 सीटों मस्की और राजराजेश्वरी से संबंधित याचिकाएं कर्नाटक हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मई 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर दायर केस की वजह से यहां उपचुनाव पर रोक लगा दी है। इसलिए यहां अभी उपचुनाव नहीं हो रहे हैं। अब उपचुनाव के नतीजों के बाद विधानसभा का वास्तविक संख्याबल 222 हो जाएगा। इसमें भी स्पीकर मतदान नहीं करता है। मतलब सदन में 221 सदस्यों होंगे और बीजेपी को बहुमत साबित करने के लिए 111 विधायकों की जरूरत होगी।
बीजेपी को इसलिए है 6 विधायकों की जरूरत
वर्तमान समय में बीजेपी के पास विधानसभा में 105 (एक निर्दलीय समेत) विधायक हैं। ऐसे में पार्टी को बहुमत के लिए 15 सीटों में से कम से कम 6 सीटें जीतनी जरूरी हैं। कांग्रेस के पास 66 और जेडीएस के 34 विधायक हैं जबकि बीएसपी के पास एक विधायक हैं। इसके अलावा एक मनोनीत विधायक और स्पीकर हैं। अगर बीजेपी 6 सीटें नहीं जीतती है तो उसके लिए सरकार बचाना कठिन हो जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश में एक बार फिर जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो सकती है।
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बीजेपी ने बागिया को मैदान में उतारा
बीजेपी ने उपचुनाव में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर आए क्रमश: 11 और तीन विधायकों को उतारा है। इन लोगों ने 14 नवंबर को सत्ता पर काबिज बीजेपी में शामिल हो गए थे। विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने जुलाई में कर्नाटक की एचडी कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। स्पीकर ने सदन के कार्यकाल तक इन विधायकों के चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगा दी थी। वहीं विधानसभा में विश्वास मत प्राप्त करने मे विफल रहने पर कुमारस्वामी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद बीजेपी ने बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नई सरकार बनाई थी। अयोग्य ठहराए गए विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर के फैसले को चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को अपने फैसले में इनकी अयोग्यता बरकरार रखी थी और इन्हें दोबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दी थी। बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार ने 25 और 28 जुलाई को इन विधायकों को अयोग्य करार दिया था।
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मैदान में 165 उम्मीदवार
15 विधानसभा सीटों पर कुल 165 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जिसमें 126 निर्दलीय और नौ महिलाएं शामिल हैं। बीजेपी और कांग्रेस सभी 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रही हैं, जबकि जेडीएस ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। इसलिए यह चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना है।