वर्चुअल रैली में बोले गृहमंत्री अमित शाह- बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार है

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित किया। शाह ने यहां कहा कि वर्चुअल रैली का चुनाव से लेना-देना नहीं, ये आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।

Update:2020-06-07 16:32 IST

पटना: केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित किया। शाह ने यहां कहा कि वर्चुअल रैली का चुनाव से लेना-देना नहीं, ये आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया।

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बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार: शाह

शाह ने कहा कि बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार है। बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सरकार ने किसी भी तरह के जुटान पर पाबंदी लगाई है। लिहाजा अब चुनाव प्रचार जैसे काम भी वर्चुअल ही किए जा रहे हैं।

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मोदी सरकार ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया: शाह

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है, जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो मेरे पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है।

आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरू की।

पीएम मोदी ने किसानों के खाते में 9.5 करोड़ रुपए डाले : शाह

विपक्ष पर जोरदार हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। 10 साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72,000 करोड़ रुपये हर साल डालने की व्यवस्था की।

अमित शाह ने कहा कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में दो-तिहाई बहुमत से सरकार बनेगी। अब लालटेन से LED का समय आ गया है, लेकिन ये चुनावी सभा नहीं है, हमारा उद्देश्य देश के लोगों को जोड़ना है और कोरोना के खिलाफ एक जुटकर होकर लड़ना है।

शाह यही नहीं रुके बल्कि आगे कहा कि जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब पीएम की अपील ही थी। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है।

आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरू करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते, लेकिन प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया।

पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर: शाह

गृह मंत्री ने कहा कि आजादी के समय जीडीपी के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, परंतु आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।

2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला, उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है।

अमित शाह ने कहा कि आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर पीएम मोदी की अपील को उन्होंने माना। ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।

शाह ने कहा कि बीजेपी की सरकार गरीबों की सरकार है। बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है। इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है।



200 जगहों पर लगाई गई एलसीडी

बता दें कि जन संवाद रैली को सफल बनाने के लिए पार्टी के सांसदों, विधायकों, विधान पार्षदों, प्रदेश पदाधिकारियों, जिला प्रभारियों, विधानसभा प्रभारियों और पूर्व प्रत्याशियों को जिम्मेदारी दी गई है।

बीजेपी ने वर्चुअल रैली को आम लोगों से जोड़ने के लिए दो सौ जगहों पर एलसीडी स्क्रीन लगाए हैं। खुद बीजेपी बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव और संगठन महामंत्री बी आई संतोष पटना में हैं।

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बीजेपी जोर शोर से प्रचार में जुटी

कार्यक्रम में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी न हो इसका ख्याल रखा गया है, खुद प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी समेत बीजेपी के वरिष्ठ नेता पटना बीजेपी कार्यालय में मौजूद हैं। बीजेपी के इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर जगह पर बैनर और पोस्टर लगाए गये हैं। कार्यक्रम का व्यापक रूप से प्रचार किया गया है।

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आरजेडी ने किया विरोध

वहीं आज के दिन को आरजेडी गरीब अधिकार दिवस के तौर पर मना रही है। इस कड़ी में दोपहर में पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने बीजेपी की वर्चुअल रैली के खिलाफ पटना स्थित अपने आवास 10 सर्कुलर रोड पर थाली पीटकर विरोध प्रदर्शन किया।

इस दौरान उनके साथ दोनों बेटे तेजस्वी-तेजप्रताप और आरजेडी के अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। तेजस्वी यादव ने कार्यकर्ताओं से आज के दिन को गरीब अधिकार दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है।

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