UP में 17 मार्च से फिर डेरा डालेंगे ओवैसी, मुस्लिम वोट बैंक पर है नजर

Update: 2016-03-13 14:18 GMT

लखनऊ: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का दायरा बढाने की कवायद में जुटे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की नजर अब अगले वर्ष होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव पर है।पहले महाराष्ट्र और फिर बिहार विधानसभा चुनाव में शिरकत करने के बाद ओवैसी ने यूपी चुनाव की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।

17 मार्च को आएंगे लखनऊ

इन्ही तैयारियों के चलते ओवैसी 17 मार्च को दो दिवसीय दौरे पर लखनऊ आ रहे हैं।वे यहां पार्टी की सबसे बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगे।अपने इस दौरे पर वे मुस्लिम वोट बैंक पर एक जाल फेंकने की कोशिश जरूर करेंगे।अपने इस दौरे पर ओवैसी शिया धर्मगुरु कल्बे जव्वाद सहित नदवा के मौलानाओं से भी मुलाकात करेंगे।

यूपी के इन दो दिनों के दौरे में ओवैसी आजमगढ़ के संजरपुर और सरायमीर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग कर चुनावी रणनीति पर भी जोर देंगे।

चुनावी समीकरण बिगाड़ सकती है AIMIM

वैसे तो ओवैसी पहले भी कई मौकों पर इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि वे यूपी विधानसभा के चुनावी दंगल में ताल जरूर ठोकेंगे।अब देखना यह है कि ओवैसी के चुनाव में शिरकत करने से प्रदेश की राजनीतिक समीकरण और चुनावी परिणाम किस हद तक प्रभावित होंगे?

आपको बता दें कि AIMIM देश की मुस्लिम समर्थक पार्टी के रूप में जानी जाती है और यूपी में चुनाव लड़ने का कारण भी यही है कि यहां मुस्लिम वोट बैंक का सरकार के बनने-बिगड़ने में खासा योगदान रहता है।ऐसे में ओवैसी का यूपी में चुनाव लड़ने का फैसला चुनावी परिणामों पर पर प्रभाव डाल सकती हैं।

सपा के मुस्लिम वोट बैंक पर लगा सकती है सेंध

ओवैसी के चुनाव लड़ने के ऐलान ने प्रदेश की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरे ला दी है।क्योंकि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता हासिल करने में मुस्लिम वोट बैंक का बहुत बड़ा हाथ रहा है।लेकिन इस बार AIMIM की चुनाव लड़ने का असर सपा के वोटों पर पद सकता है, ओवैसी की पार्टी सपा के मुस्लिम वोटों में सेंध लगा सकती है।

आपको बता दें कि ओवैसी ने बीते महाराष्ट्र चुनाव और बिहार चुनाव में भी अपने प्रत्याशी उतारें थे।महाराष्ट्र की 288 सीटों पर चुनाव चुनाव में AIMIM ने 24 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे।जबकि उन्हें केवल दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी।वहीँ बिहार चुनाव की 243 सीटों पर ओवैसी ने मुस्लिम बहुताय क्षेत्र सीमांचल की छह सीटों पर चुनाव लड़ा था।हालांकि इस बार उन्हें एक भी सीट हासिल न हो सकी थी।

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