ललकारेंगे मोदी: साथ होंगे ये दिग्गज CM, चुनावी जंग में NDA करने जा रही ये एलान

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिहार चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। उन्होंने जयप्रकाश जयंती के मौके पर बिहार में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की।

Update: 2020-10-12 04:06 GMT

अंशुमान तिवारी

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साझा रैलियों का कार्यक्रम तैयार करने में जुट गई है। दरअसल भाजपा इन रैलियों के जरिए एनडीए में एकजुटता का संदेश देना चाहती है। इसी कारण इन दोनों नेताओं की साझा रैलियों का कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।

माना जा रहा है कि इसके पीछे भाजपा की सोच यह है कि लोजपा को लेकर कोई गलतफहमी नहीं पैदा होने चाहिए क्योंकि लोजपा जदयू खिलाफ प्रत्याशी उतारने में जुटी हुई है। इसके साथ ही एनडीए का साझा घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा।

घोषणा पत्र में दोनों दलों के मुख्य मुद्दे होंगे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार से अपने प्रचार अभियान को तेज करने वाले हैं। शुरुआत में वे वर्चुअल रैलियों के जरिए मतदाताओं से संपर्क साधने की कोशिश करेंगे। रविवार को उन्होंने अपनी निश्चय योजना के भाग-2 की लांचिंग की। जदयू ने प्रत्याशियों की घोषणा में भी अन्य दलों से बाजी मार ली है।

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प्रत्याशियों की घोषणा में जातीय समीकरण का भी पूरा ख्याल रखा गया है। भाजपा ने जदयू के साथ मिलकर साझा घोषणापत्र जारी करने की योजना बनाई है। इस घोषणापत्र में भाजपा के आत्मनिर्भर बिहार और जदयू के सात निश्चय योजना में शामिल मुद्दों को जगह दी जाएगी।

बिहार का भविष्य नीतीश के हाथों में सुरक्षित

इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की कमान संभाल ली है। उन्होंने रविवार को जयप्रकाश जयंती के मौके पर बिहार में पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की।

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इस मौके पर उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि देश का भविष्य पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार का भविष्य सीएम नीतीश कुमार के हाथों में ही सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि बिहार में विकास कार्यों को रफ्तार देने के लिए राज्य की बागडोर एक बार फिर नीतीश कुमार के सशक्त हाथों में सौंपना जरूरी है।

नड्डा ने नीतीश को अगला सीएम प्रोजेक्ट किया

सियासी हलकों में भाजपा और लोजपा की मिलीभगत के कयासों पर विराम लगाते हुए उन्होंने नीतीश को ही बिहार का अगला सीएम बताया। नड्डा ने कहा कि बिहार में सियासी मैदान में कुछ ऐसे चेहरे भी हैं जो जयप्रकाश नारायण के आशीर्वाद से नेता बने मगर बाद में उन्होंने लोकनायक के सारे सिद्धांतों को भुला दिया। उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों ने राज्य में 2005 के पहले का अंधेरा देखा है। इस अंधेरे के बाद राज्य में जो उजाले की किरण दिखाई पड़ी है, उसका एहसास राज्य के लोगों को है।

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उन्होंने कहा की मोदी सरकार की अगुवाई में बिहार समेत देश में विकास कार्यों ने रफ्तार पकड़ी है। नड्डा के भाषण से साफ हो गया कि वे भाजपा और जदयू में किसी प्रकार की आशंका नहीं पैदा होने देना चाहते।

एनडीए को लेकर कोई गलतफहमी न हो

बिहार भाजपा के अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल ने भी कहा कि बिहार में एनडीए को लेकर किसी के मन में कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए। एनडीए ने साफ तौर पर फैसला कर लिया है कि नीतीश कुमार ही बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे।

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि जो नीतीश कुमार के साथ नहीं है, वह एनडीए के साथ भी नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में मोदी के असली प्रत्याशी वही हैं जो एनडीए के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं।

जदयू ने भी दिया एकजुटता का संदेश

इस मौके पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने भी एनडीए में एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि गया में 10 विधानसभा सीटों में भाजपा के चार, जदयू के तीन और हम के तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं। उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि एनडीए पूरी एकजुटता के साथ चुनाव लड़ रहा है और मतभेद की किसी भी प्रकार की खबरों में कोई दम नहीं है।

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चिराग की घोषणा से पैदा हुई गलतफहमी

दरअसल लोजपा के मुखिया चिराग पासवान ने जदयू के खिलाफ प्रत्याशी उतारने का एलान कर रखा है मगर भाजपा के प्रति उनका रवैया काफी नरम है। वे लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और उनकी नीतियों का समर्थन करने में जुटे हुए हैं।

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ऐसे में जदयू के कुछ नेताओं के मन में भाजपा की रणनीति को लेकर आशंका पैदा हो गई है। यही कारण है कि भाजपा का राष्ट्रीय और प्रांतीय नेतृत्व जदयू और भाजपा के बीच एकजुटता का संदेश देने की कोशिश में जुट गया है।

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