बिहार में सीटों के लिए मारामारी तेज, मांझी के एनडीए में आने से BJP की उलझनें बढ़ीं

मांझी को एनडीए में शामिल करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चाल से भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हैं। इससे पहले भाजपा ने राजद के उन विधायकों की सीटों को लेकर आपत्ति जताई थी जो हाल में जदयू में शामिल हुए हैं।

Update: 2020-09-04 16:18 GMT
मांझी के एनडीए में आने से BJP की उलझनें बढ़ीं

अंशुमान तिवारी

पटना: बिहार में चुनाव को लेकर आयोग का रुख स्पष्ट होने के बाद सियासी गतिविधियां काफी तेज हो गई हैं। एनडीए के साथ ही विपक्षी महागठबंधन में भी सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद एनडीए की ताकत तो जरूर बढ़ी है मगर इससे भाजपा की उलझन भी बढ़ी है। दरअसल मांझी की पार्टी हम का दावा कुछ ऐसी सीटों पर है जिन पर भाजपा की नजर गड़ी हुई है। उधर रालोसपा ने अपने दावेदारों की सूची राजद को सौंप दी है। हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि रालोसपा ने कितनी सीटों पर दावेदारी की है मगर जानकारों का कहना है कि पार्टी की ओर से 48 विधानसभा सीटों पर टिकट मांगे गए हैं।

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मांझी के आने से एनडीए में खलबली

मांझी को एनडीए में शामिल करने की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की चाल से भाजपा की दिक्कतें बढ़ी हैं। इससे पहले भाजपा ने राजद के उन विधायकों की सीटों को लेकर आपत्ति जताई थी जो हाल में जदयू में शामिल हुए हैं। मांझी ने एनडीए में शामिल होते समय कहा था कि वह बिना शर्त इस गठबंधन में शामिल हुए हैं, लेकिन जानकारों का कहना है कि हम के नेता सात-आठ सीटों पर मजबूत दावेदारी ठोक रहे हैं।

हम के अलावा राजद के सात विधायक हाल में जदयू में शामिल हुए हैं और इन दोनों को मिलाकर कुल 14 सीटों को लेकर खींचतान मचने की संभावना है। सियासी जानकारों का कहना है कि इनमें से 10 सीटें भाजपा और लोजपा के दावेदारी वाली हैं और इसे लेकर खलबली मची हुई है।

मांझी को शामिल करने से लोजपा नाराज

मांझी के एनडीए में शामिल होने के बाद पहले से ही नाराज चल रही लोजपा की नाराजगी और बढ़ गई है। पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक 7 सितंबर को नई दिल्ली में बुलाई गई है और इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी।

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सूत्रों के मुताबिक लोजपा इस बात को लेकर नाराज है कि माझी को एनडीए में शामिल करने से पहले उचित फ्रंट पर इस बाबत चर्चा क्यों नहीं की गई। लोजपा का कहना है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यह कदम उठाने से पहले उसे भी विश्वास में लेना चाहिए था।

रालोसपा की 48 सीटों पर दावेदारी

उधर महागठबंधन में भी सीटों को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। रालोसपा की ओर से अपनी दावेदारी वाली सीटों की सूची राजद को सौंप दी गई है। जानकारों का कहना है कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को सौंपी गई सूची में रालोसपा ने अधिकांश सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम भी बता दिए हैं। वैसे राजद और रालोसपा दोनों की ओर से सीटों की संख्या का खुलासा नहीं किया गया है मगर जानकारों के अनुसार रालोसपा ने कुल 48 सीटों पर दावेदारी ठोकी है।

जिताऊ उम्मीदवारों को उतारने पर जोर

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रालोसपा नेताओं से दो दिन पहले हुई मुलाकात के दौरान उनसे सूची देने को कहा था। रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा ने हाल में रांची जाकर लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक उन्होंने लालू के सामने सीटों की दावेदारी के संबंध में भी अपना पक्ष रखा था।

इस पर लालू ने उनसे उम्मीदवारों के नाम बताने का अनुरोध किया था। जानकारों के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच मुलाकात में इस बात पर सहमति बनी कि हर क्षेत्र में उसी उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा जाएगा जो जिताऊ होगा।

पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगा महागठबंधन

राजद नेताओं से मुलाकात के बाद रालोसपा नेता राजेश यादव ने दावा किया कि विधानसभा की सभी 243 सीटों पर महागठबंधन पूरी मजबूती से चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि सभी मुद्दों पर गठबंधन में शामिल दलों के बीच सहमति बन चुकी है। राजद के प्रदेश प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सीटों की संख्या से ज्यादा महत्वपूर्ण जीत है और हम लोग इसी पर मंथन कर रहे हैं।

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