उमा बोलीं मुलायम-कांशीराम के बीच हुई थी जुगलबंदी, जिसका अंत गेस्ट हाउस कांड बना
कानपुर पहुंची बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने सपा और कांग्रेस के गठबंधन की जमकर धज्जिया उड़ाई। उन्होंने ने कहा कि एक जुगलबंदी और हुई थी
कानपुर: केंद्रीय मंत्री उमा भारती बोली एक जुगलबंदी कांशीराम और मुलायम सिंह के बीच हुई थी, लेकिन उसका अंत लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में हुआ था। जब मायावती पर समाजवादियों ने हमला कर दिया था। उनके कपडे फाड़ दिए और उनकी जान लेने की कोशिश की थी। उस वक्त मायावती की इज्जत और जान भाजपा के एक शेर ने जान बचाई थी। इस तरह उस जुगलबंदी का अंत हुआ था। यहां तो राहुल के कपड़े पहले ही फटे हैं। अब आप सोचिए राहुल और अखिलेश की जुगलबंदी का क्या होगा।
कानपुर पहुंची बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती ने सपा और कांग्रेस के गठबंधन की जमकर धज्जियां उड़ाई। उन्होंने ने कहा कि एक जुगलबंदी और हुई थी सन 1991 में जब प्रदेश में हमारा पूर्ण बहुमत आया और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बनें। हमारे विरोधियों के कान खड़े हो गए उनको लगा भाजपा का प्रचंड बहुमत और कल्याण सिंह का सीएम बनाना यानी यह तो मंडल और कमंडल एक हो गए। समाजवादी, वामपंथी, कांग्रेस सब का सूफड़ा साफ़ हो गया था।
कांशीराम-मुलायम की जुगलबंदी का गेस्ट हाउस कांड में हुआ था अंत
इसके बाद एक जुगलबंदी हुई मुलायम सिंह और कांशीराम की जब 6 दिसंबर को हमारी सरकार राम लला के चरणों में भेंट चढ़ गई। इसके बाद दिसंबर 1993 में उस जुगलबंदी का अंत क्या हुआ लखनऊ के वीवीआईपी गेस्ट हाउस में, जब समाजवादी पार्टी ने मायावती पर हमला बोल दिया। उनके कपड़े फाड़ दिए थे। उनकी जान लेने की कोशिश की थी, जिसको मायावती आज भी भूली नहीं हैं। वह तो कहती हैं मेरे सम्मान को ठेस पहुंचाने की कोशिश की गई थी।
ब्रह्मदत्त द्विवेदी ने बचाई थी मायावती की जान
उस समय पर मायावती की इज्जत और जान बचाने के लिए भाजपा के शेर ब्रह्मदत्त द्विवेदी निकले थे। उन्होंने ने कहा था मायावती किसी भी पार्टी की हो लेकिन मैं बीजेपी का कार्यकर्ता हूं। नारी के सम्मान में आंच आएगी तो जान की बाजी लगा दूंगा। नारी का अपमान नहीं होने दूंगा। सपा-कांग्रेस की जुगलबंदी में तो राहुल के पहले ही कपड़े फटे हैं। अब आप सोचिये राहुल अखिलेश की जुगलबंदी का अंत क्या होगा।
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