UP के चुनावी दंगल में सिंघम बनकर उतरी BJP, एंटी रोमियो स्क्वॉड के जरिए महिला सुरक्षा की गारंटी
यूपी में कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा हमेशा से ही सभी राजनीतिक दलों का अहम मुद्दा रहा है। इस बार भी यूपी के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा कई मायनों में वोटों के तुष्टिकरण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
लखनऊ: यूपी में कानून-व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। इस बार भी यूपी के विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा कई मायनों में वोटों के तुष्टिकरण के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इसी दिशा में यूपी में अपना वनवास खत्म कर सत्ता में वापसी की जगह तलाश रही बीजेपी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एंटी रोमियो स्क्वॉड बनाने का फैसला किया है। बीजेपी ने यूपी चुनाव को लेकर जो घोषणा पत्र जारी किया है उसमें महिलाओं की शिक्षा, सुरक्षा और सम्मान का विशेष तौर पर जिक्र किया गया है। यूपी में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार और स्कूल-कॉलेजों के बाहर मनचलों की बढ़ती भीड़ के चलते बीजेपी को इसके सहारे महिला वोटरों का दिल जीतने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर दंगे की चिंगारी मनचलों द्वारा एक युवती के साथ की गई छेड़खानी के बाद ही फैली थी। देखते ही देखते इस चिंगारी ने विकराल आग का रूप ले लिया। जिसके बाद इस दंगे में 40 से ज्यादा लोग मारे गए और कई परिवार बेघर हो गए। इलाके में कई दिनों तक कर्फ्यू लग गया। लोग पलायन के लिए मजबूर हो गए। इस बार यूपी चुनाव खासकर पश्चिमी यूपी में हुए इस दंगे को लेकर राजनीति गर्म है। लिहाजा ये मसला उठाकर बीजेपी को चुनावी ध्रुवीकरण में मदद मिलती दिखती है। इसके साथ ही बीजेपी हर परिवार के सरोकार से जुड़ी कमजोर नस को भी छूने की कोशिश करती दिख रही है।
यूपी में बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में जिस एंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन का फैसला किया है उसके मुताबिक हर स्कूल और कॉलेज के पास पुलिस का एक ऐसा स्क्वॉड बनाने का वादा किया गया है जो मनचलों पर अपनी पैनी नजर रखेगा। इस स्क्वॉड में ज्यादातर पुलिसकर्मी महिला ही होंगी। हालांकि बीजेपी ने महिलाओं के लिए कई और सौगातों का वादा किया है, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा एंटी रोमियो स्क्वॉड की ही हो रही है।
बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है कि यूपी में कानून व्यवस्था की बेहतर निगरानी के लिए सभी पुलिस स्टेशन डिजीटाइज किए जाएंगे। यूपी में तीन नई महिला पुलिस बटालियनों (अवंती बाई बटालियन, झलकारी बाई बटालियन, ऊदा देवी बटालियन) की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा यूपी के हर गरीब परिवार में बेटी के जन्म पर 50 हजार रुपए विकास बांड दिया जाएगा। बेटी के क्लास 6 में पहुंचने पर 3 हजार रुपए, क्लास 8 में पहुंचने पर 5 हजार रुपए, क्लास 10 में पहुंचने पर 7 हजार रुपए और क्लास 12 में पहुंचने पर 8 हजार रुपए दिए जाएंगे। यूपी में बेटियों के लिए की गई यह घोषणा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
यूपी में महिला सुरक्षा कितना बड़ा मुद्दा है, इसकी बानगी सत्ताधारी समाजवादी पार्टी के प्रचार में भी देखने को मिलती है। जहां यूपी के युवा सीएम अखिलेश यादव महिला हेल्पलाइन 1090 और डायल 100 जैसी उपलब्धियों पर अपनी पीठ थपथपाने का कोई मौका नहीं चूकते और चुनाव प्रचार में इसे अपने हथियार के तौर पर पेश करते हैं। सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती भी इस बार चुनाव में यूपी की कानून -व्यवस्था और महिला सुरक्षा को लेकर लगातार समाजवादी पार्टी पर हमलावर हैं। हालांकि बसपा ने अब तक यूपी में अपना घोषणा पत्र जारी नहीं किया है।
यूपी में महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बीजेपी ने जो एंटी रोमियो स्क्वॉड का शिगूफा छोड़ा है उससे यह साफ जाहिर है कि बीजेपी नहीं चाहती है कि मुजफ्फरनगर जैसे सांप्रदायिक दंगे सूबे में दोबारा पनपे।
यही कारण है कि बीजेपी के कई फायर ब्रांड नेता चुनावी रैलियों में एंटी रोमियो स्क्वॉड की चर्चा करना नहीं भूल रहे हैं। बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ ने भी शाहजहांपुर में अपनी चुनावी रैली में इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने मंच से जनता को संबोधित करते हुए कहा कि अगर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी तो एंटी रोमियो स्क्वॉड का गठन होगा। इसके साथ ही योगी ने कहा कि अगर एंटी रोमियो स्क्वॉड बनी होती, तो मुजफ्फरनगर और बरेली में दंगे न होते। एंटी रोमियो दल की बात कहते हुए योगी मनचलों को उल्टा टांगने की बात भी बोल रहे हैं।
योगी ही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या और केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी भी यूपी में महिला सुरक्षा को लेकर चुनावी रैलियों में सपा सरकार पर लगातार हमलावर हैं। पीएम मोदी ने भी मेरठ की रैली में सपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि यूपी में महिलाएं शाम में घर से बाहर नहीं निकल सकतीं और बच्चियां स्कूल के लिए नहीं निकल सकती हैं। ये प्रदेश का बड़ा दुर्भाग्य है।
वहीँ स्मृति ईरानी ने भी लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि यूपी में महिलाएं ना घर में सुरक्षित हैं, ना बाहर और ना ही पुलिस थानों में ही महफूज हैं। स्मृति ने कहा कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ अपराध लगातार बढ़ते जा रहे हैं और महिला सुरक्षा की गाथाएं गाने वाली यूपी सरकार चुपचाप बैठी रहती है। उन्होंने कहा कि यहां तो महिलाएं जब थाने में केस दर्ज करवाने भी जाती हैं तो उनके साथ रेप किया जाता है। यही नहीं, जांच के दौरान भी उनका शोषण होता है।
एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी में जिस तरह आपराधिक घटनाओं खासकर महिला असुरक्षा का ग्राफ लगातार नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है उसे देखते हुए बीजेपी का एंटी रोमियो स्क्वॉयड यूपी में महिला मतदाताओं को लुभाने का काम कर सकता है, बशर्ते इसे किसी धर्म और राजनीतिक स्वार्थ के चश्में से ना देखा जाए।