बसपा में तूफान: पार्टी के इस नेता ने दी आत्महत्या की धमकी, जानिए पूरा मामला

लोकसभा व विधानसभा के टिकटों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में एक और सियासी तूफान खड़ा हुआ है। विधानसभा क्षेत्र हाथरस के प्रभारी रह चुके मुहर सिंह ने पार्टी की सदस्यता छोड़ने के साथ ही पार्टी मुखिया मायावती पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

Update:2020-02-17 11:29 IST

हाथरस : लोकसभा व विधानसभा के टिकटों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रही बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में एक और सियासी तूफान खड़ा हुआ है। विधानसभा क्षेत्र हाथरस के प्रभारी रह चुके मुहर सिंह ने पार्टी की सदस्यता छोड़ने के साथ ही पार्टी मुखिया मायावती पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव के टिकट देने के नाम पर उनसे 65 लाख रुपये खर्च करा लिए, फिर विधानसभा क्षेत्र के प्रभारी पद से हटा दिया।

उन्होंने चेतावनी दी है कि उनका पैसा वापस नहीं मिला तो लखनऊ के पार्टी कार्यालय पर जाकर आत्महत्या कर लेंगे। मुहर सिंह ने ये आरोप रविवार को हाथरस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान लगाए। कहा कि वह 12 साल से बसपा में सक्रिय रहे हैं।

 

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2009 में बसपा के सिबल पर राजस्थान के भरतपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था मगर हार गए थे। 2017 में सासनी में चेयरमैन पद के लिए लड़े थे। दो साल पहले हाथरस विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया गया तो गांव-गांव जाकर पार्टी की नीतियों को बता रहे थे। जनवरी में अचानक बिना कोई सूचना दिए किसी और प्रभारी बना दिया गया।

2022 के विधानसभा चुनाव के लिए उनकी हाथरस सीट से तैयारी चल रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभारी बनाते समय बसपा की मुखिया ने उनसे 25 लाख रुपये लिए थे। इसके अलावा बहन जी के जन्मदिन पर दो साल से हर बार 10 लाख देते रहे हैं। बहन जी से हर मुलाकात पर 50 हजार खर्च होते थे। अब तक कुल 65 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं। पूरा पैसा पार्टी के पदाधिकारियों के माध्यम से दिया गया था।

 

पार्टी मुखिया मायावती पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने कभी किसी से कोई पैसा नहीं लिया। ऐसे आरोप तब लगाए जाते हैं जब पद से हटा दिया जाता है। विधानसभा चुनाव अभी दूर, मगर बसपा में उठे अब बगावती सुर सियासी गर्माहट। विधानसभा चुनाव में अभी बहुत वक्त, पार्टी में सियासत अभी से तेज।

विधानसभा चुनाव 2022 में होने हैं, मगर बसपा की तैयारियां पहले ही शुरू हो जाती हैं। आमतौर पर जिसे विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया जाता है उसे ही उम्मीदवार भी घोषित कर दिया जाता है। प्रभारी का आकलन करके बदले भी जाते हैं। हाथरस विधानसभा क्षेत्र में भी मुहर सिंह को प्रभारी बनाने के बाद जनवरी में हटा दिया गया।

 

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उन्होंने मीडिया से रूबरू होकर पार्टी के टिकट के लिए 65 लाख रुपये खर्च ने की बात तो कह दी मगर यह रकम आई कहां से? इस सवाल पर कहा कि वे ग्राम्य विकास मंत्रालय में निदेशक के पद से रिटायर हुए थे। पुस्तैनी जमीन पर प्लॉटिग की, जिससे आई रकम बसपा मुखिया को दिया। प्रभारी बनने के लिए पूरा पैसा गवां दिया। जब उनसे पूछा गया कि दी गई रकम का कोई सुबूत है? तो जवाब दिया, 'हां, बिना सुबूत के कोई बात नहीं कह रहे। समय आने पर सुबूत पेश करूंगा।'

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