आंध्र राजधानी विवाद: धरने पर बैठे चंद्रबाबू नायडू, किसानों ने मांगी इच्छा मृत्यु

सान जगनमोहन रेड्डी सरकार की इस कवायद का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में हजारों किसान धरने पर बैठ गये, जिसके बाद बुधवार को तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू अपनी पत्नी भुवनेश्वरी संग किसानों से मिलने पहुंचे। इस दौरान चंद्रबाबू नायडू भी किसानों के साथ धरने पर बैठ गये।

Update:2020-01-01 15:48 IST

अमरावती: आंध्र प्रदेश में तीन राजधानियां बनाने के फॅार्मूले के विरोध में किसानों के धरने पर सियासत शुरू हो गयी है। दरअसल, किसान जगनमोहन रेड्डी सरकार की इस कवायद का विरोध कर रहे हैं। इसी कड़ी में हजारों किसान धरने पर बैठ गये, जिसके बाद बुधवार को तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू अपनी पत्नी भुवनेश्वरी संग किसानों से मिलने पहुंचे। इस दौरान चंद्रबाबू नायडू भी किसानों के साथ धरने पर बैठ गये।

रेड्डी सरकार की तीन राजधानी बनाने की कवायद :

दरअसल, आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार राज्य में तीन राजधानियां बनाने की दिशा में लगी हुई है। इसे कैबिनेट में जल्द मंजूरी मिल जायेगी। वर्तमान में आंध्र और तेलांगना की संयुक्त राजधानी हैदराबाद है, लेकिन रेड्डी सरकार अमरावती, करनूल और विशाखापट्टनम को राजधानी बनाना चाहती है।

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किसानों के विरोध को चंद्रबाबू नायडू का समर्थन:

हालाँकि अमरावती को राजधानी बनाने को लेकर किसान धरने पर बैठ गये हैं। किसानों का आरोप है कि सरकार अमरावती के लोगों से बदला लेने के रास्ते पर चल रही है। इतना ही नहीं धरने पर बैठे किसानों ने राष्ट्रपति को पत्र लिख कर इच्छा मृत्यु मांगी है।

किसानों के समर्थन में पूर्व सीएम चंद्र बाबू नायडू अपनी पत्नी भुवनेश्वरी के साथ बुधवार को अमरावती पहुंचे। इस दौरान नायडू ने किसानों के समर्थन में कहा कि हमारी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता नए साल का जश्न नहीं मनाएंगे, बल्कि किसानों के बीच समय बिताएंगे।

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विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर मंत्रिमंडल ने 3 राजधानी का फैसला टाला:

वहीं किसानों के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडल ने तीन राजधानियों को लेकर अपने अंतिम फैसले कको टाल दिया है। बता दें कि शुक्रवार को इसपर अंतिम फैसला आना था। बता दें कि तीन राजधानियों के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लेने के लिए सरकार ने एक हाई लेवल कमेटी का गठन करने का निर्णय लिया है।

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