सोनिया की चिट्ठी से महाराष्ट्र सरकार में टकराव, गुस्से में NCP के ये बड़े नेता

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए आबादी के अनुपात में बजट का आवंटन करने समेत चार सूत्री पहल की जाए।

Update:2020-12-20 10:38 IST
सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में शामिल होने के कारण हम इन वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिए ज्यादा सजग हैं।

मुंबई: महाराष्ट्र के अंदर कांग्रेस और नेशनल कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में तल्खी बढने लगी है। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखना बिल्कुल भी रास नहीं आया है।

इस बात से एनसीपी की भौंवे चढ़ गई हैं। एनसीपी के बदले तेवर को देखते हुए कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि सोनिया गांधी की चिट्ठी को बातचीत के तौर पर देखा जाना चाहिए न कि टकराव के रूप में। एनसीपी के रुख को देखते हुए ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि महाराष्ट्र में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है।

सोनिया की चिट्ठी से महाराष्ट्र सरकार में टकराव, गुस्से में NCP के ये बड़े नेता (फोटो:सोशल मीडिया)

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क्या है ये पूरा मामला

दरअसल सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर सामाजिक तौर पर पिछड़े लोगों से किए वादे पूरे करने की मांग की है।

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से कहा है कि प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों के विकास के लिए आबादी के अनुपात में बजट का आवंटन करने समेत चार सूत्री पहल की जाए।

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी दलित, वंचित और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार में शामिल होने के कारण हम इन वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी के लिए ज्यादा सजग हैं।

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सोनिया की चिट्ठी से महाराष्ट्र सरकार में टकराव, गुस्से में NCP के ये बड़े नेता (फोटो:सोशल मीडिया)

महाराष्ट्र की सियासत गरमाई

ये बात अब महाराष्ट्र में तीसरे सहयोगी नेशनल कांग्रेस पार्टी को बिल्कुल भी अच्छी नहीं लग रही है।

महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर इसलिए भी सुगबुगाहट तेज हो गई है क्योंकि एक साथ मिलकर सरकार चला रहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने जनवरी में होने वाले ग्राम पंचायत चुनावों में अलग-अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

गौरतलब है कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने एलान किया था कि महाराष्ट्र में विकास अघाड़ी गठबंधन अब हर चुनाव एक साथ ही लड़ा करेगा।

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