कांग्रेस का बड़ा फैसला, भाजपा नेता को दिया सीएम पद का ऑफर

असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने शनिवार को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बीजेपी छोड़ने और उनकी पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने की...

Update: 2020-01-12 11:11 GMT

गुवाहाटी। असम विधानसभा में विपक्ष के नेता देबब्रत सैकिया ने शनिवार को मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को बीजेपी छोड़ने और उनकी पार्टी के समर्थन से नई सरकार बनाने की पेशकश की है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैकिया ने कहा, नई सरकार 'नागरिकता संशोधन अधिनियम' और 'भाजपा' विरोधी होगी।

देबब्रत सैकिया ने सोनोवाल से कही ये बात

गृह मंत्रालय की ओर से नागरिकता संशोधन कानून लागू किए जाने की अधिसूचना जारी कर दी गई है। CAA की अधिसूचना जारी होने के बाद असम कांग्रेस के नेता देबब्रत सैकिया ने कहा कि अगर सोनोवाल अपने विधायकों के साथ बीजेपी छोड़ते हैं तो उनकी पार्टी सरकार बनाने में उनकी मदद करेगी और नई सरकार में वह मुख्यमंत्री होंगे।

ये भी पढ़ें-Amritsar News : सीएए पर भ्रम फैला रहे कई नेता

सोनोवाल को भाजपा छोड़ देनी चाहिए-सैकिया

सैकिया ने संवाददाताओं से कहा कि असम में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सोनोवाल को भाजपा छोड़ देनी चाहिए और अपने 30 विधायकों के साथ निर्दलीय के रूप में सरकार से बाहर आ जाना चाहिए।

हम असम में भाजपा विरोधी सरकार बनाने के लिए उनका समर्थन करेंगे और उन्हें फिर से मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। उधर असम गण परिषद (अगप) ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक रद्द किए जाने पर वह बीजेपी के साथ गठबंधन बहाल कर सकती है।

ये भी पढ़ें-कांग्रेस शासित राज्यों में CAA और NRC के खिलाफ विधानसभाओं में लाया जाएगा प्रस्ताव: रिपोर्ट

असम की जनता सोनोवाल सरकार से है नाराज

यह पूछे जाने पर कि क्या वैकल्पिक सरकार में सोनोवाल मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इस पर कांग्रेस नेता ने कहा इस पर कोई संदेह ही नहीं है। सैकिया ने कहा, सोनोवाल सीएए का समर्थन करने के कारण असम की जनता की नाराजगी का सामना कर रहे हैं।

ये भी पढ़ें- सरकार दीपिका को देगी अवार्ड: ‘छपाक’- ‘तानाजी’ की जंग में BJP-कांग्रेस आमने सामने

असम से प्यार करने वाले विधायकों और मंत्रियों को भाजपा छोड़ना चाहिए और असम के लोगों के साथ खड़ा होना चाहिए। गौरतलब है कि राज्यसभा में पिछले साल 11 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित किए जाने के बाद से असम में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और राज्य भर में लोगों की मांग थी कि इस अधिनियम को निरस्त किया जाए।

Tags:    

Similar News