पायलट की वापसी से नाराज हुए गहलोत कैंप के विधायक, बैठक में उठाया ये मुद्दा

मंगलवार को जैसलमेर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सीएम अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर आलाकमान की दरियादिली पर नाराजगी प्रकट की।

Update: 2020-08-11 17:18 GMT
राहुल गांधी और सचिन पायलट की फ़ाइल फोटो

राजस्थान: कांग्रेस पार्टी में सचिन पायलट की भले ही वापसी हो गई है, लेकिन राजस्थान की राजनीति में आगे की राह उनके लिए आसान नहीं होगी। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि वहां से जिस तरह की बातें छनकर मीडिया में आ रही है। वो इस बात की तस्दीक कर रही है।

मंगलवार को जैसलमेर में कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सीएम अशोक गहलोत समर्थक विधायकों ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर आलाकमान की दरियादिली पर नाराजगी प्रकट की। सूत्रों के अनुसार इस मीटिंग में एक दर्जन से ज्यादा विधायकों ने सचिन पायलट के विरोध में बातें कही हैं।

उनमें से तो कुछ विधायकों ने सीधे-सीधे ये मांग की है कि कांग्रेस आलाकमान ये घोषणा कराए कि राज्य में पूरे पांच तक कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा और अशोक गहलोत बतौर सीएम अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। एक दर्जन विधायकों ने सचिन पायलट और दूसरे बागी विधायकों को इस तरह से पार्टी में एक बार फिर से वापस लेने पर नाराजगी जताई।

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सचिन पायलट, राहुल गांधी और अशोक गहलोत की फ़ाइल फोटो

जयपुर पहुंचते ही पायलट ने कही ये बात

दिल्ली से जयपुर पहुंचे कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आज अपने उपर लगे आरोपों पर खुलकर बात की। मीडिया से बात करते हुए कहा कि राजस्थान में 1 महीने के घटनाक्रम में जिस तरह की बातें उनके खिलाफ उन्हें सुनने को मिली हैं, उससे वे बेहद ही आहत हैं। आज एक बार फिर कहा कि उनकी ओर से कांग्रेस आलाकमान से पार्टी में कोई पद की मांग नहीं की गई है।

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सचिन पायलट, राहुल गांधी और अशोक गहलोत की फ़ाइल फोटो

उन्होंने कहा, जिस तरह के शब्दों का प्रयोग मेरे लिए किया गया, उससे मैं बहुत ही ज्यादा आहत हूं। मुझे लगता है कि हमें भूल जाना चाहिए कि क्या कहा गया था। राजनीति में बातचीत का स्तर बना रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी के भीतर व्यक्तिगत वैमनस्य की भावना नहीं होनी चाहिए। सभी को मुद्दों और नीति के आधार पर काम करना चाहिए।

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