कांग्रेस सांसदों ने फिर की राहुल की वकालत, पार्टी की बैठक में उठी ये मांग
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में एक बार फिर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में...
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सदस्यों की बैठक में एक बार फिर राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाए जाने की मांग की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में कई प्रमुख सांसदों ने कहा कि मौजूदा हालात में पार्टी की कमान फिर राहुल गांधी को सौंपी जानी चाहिए। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कई प्रमुख नेता मौजूद थे।
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राहुल ही कर सकते हैं मोदी का मुकाबला
जानकार सूत्रों के मुताबिक बैठक में पीएल पुनिया, रिपुन बोरा, छाया वर्मा तथा कई अन्य सदस्यों ने कहा कि मौजूदा समय की मांग है कि पार्टी की कमान एक बार फिर राहुल गांधी को सौंपी जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में राहुल गांधी विपक्ष की इकलौती आवाज बन गए हैं और उनके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी को कोई चुनौती नहीं दे सकता। मोदी को चुनौती देने के लिए उन्हें पार्टी अध्यक्ष बनाना जरूरी है। इससे पहले कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की ऑनलाइन बैठक में भी राहुल को अध्यक्ष बनाने की मांग की गई थी।
सोनिया का राज्यपाल पर बड़ा आरोप
बैठक की शुरुआत में राजस्थान के सियासी संकट पर चर्चा हुई। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान के राज्यपाल पर भाजपा के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की कार्यप्रणाली से लोकतंत्र की गरिमा तार-तार हो गई है। सोनिया ने कहा कि सरकार कोरोना का संक्रमण रोकने में पूरी तरह नाकाम रही है। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के संक्रमण की रफ्तार काफी तेज दिख रही है और सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं।
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सिब्बल के बयान पर जताई आपत्ति
बैठक के दौरान पार्टी के कुछ सांसदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चला। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बैठक में कपिल सिब्बल ने पार्टी के अंदर समन्वय की कमी का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं के बीच कोई समन्वय नहीं दिखता। सिब्बल के इस बयान पर गुजरात के प्रभारी और महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य राजीव सातव ने सख्त आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की वजह से पार्टी की दुर्गति हुई है, वही लोग अब समन्वय की कमी और कार्यकर्ताओं की बात उठा रहे हैं। उन्होंने पार्टी सांसदों की संख्या घटकर 44 तक पहुंच जाने का भी जिक्र किया।
कोरोना व अर्थव्यवस्था पर भी चर्चा
कांग्रेस सांसदों की इस बैठक में मुख्य रूप से देश में कोरोना संकट, अर्थव्यवस्था की धीमी होती रफ्तार, पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सैन्य गतिरोध और राजस्थान संकट पर चर्चा की गई। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देश की कमजोर होती अर्थव्यवस्था की स्थिति बयां की। पार्टी के सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और कुछ अन्य सदस्यों ने राजस्थान में संवैधानिक परंपराओं का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
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पहले भी उठ चुकी है मांग
बैठक में राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह, जयराम रमेश और कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे। इस बैठक से पहले भी राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग उठती रही है। पिछले साल लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद राहुल ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया था। हाल के दिनों में कांग्रेस नेताओं की आपसी चर्चा में राहुल को फिर से पार्टी की कमान सौंपने की मांग तेज हुई है।
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