इस पूर्व सीएम के खिलाफ चलेगा मानहानि और ठगी का मुकदमा, कोर्ट ने दिया आदेश

फडणवीस पर आरोप है कि उन्होंने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में पर्चा दाखिल करते समय जमा किए गए हलफनामे में अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी।

Update: 2020-03-03 10:31 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। गलत चुनावी हलफनामा जमा करने के आरोपों में फडणवीस के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने पर रोक लगाने से जुड़ी उनकी समीक्षा याचिका शीर्ष अदालत ने खारिज कर दी।

फडणवीस पर आरोप है कि उन्होंने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव में पर्चा दाखिल करते समय जमा किए गए हलफनामे में अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी।

फडणवीस पर 2014 के चुनावी हलफनामे में दो आपराधिक मुकदमों की जानकारी छिपाने का आरोप है। ये मुकदमे नागपुर के हैं, जिनमें एक मानहानि और दूसरा ठगी का है। याचिका में फडणवीस को अयोग्य करार देने की मांग की गई थी।

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बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी थी क्लीनचिट

जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा, दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर, 2019 को फडणवीस को झटका देते हुए कहा था कि निचली अदालत उनके खिलाफ दायर मुकदमे को नए सिरे से देखे।

तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को खारिज करते हुए यह आदेश दिया था।बता दें कि बॉम्बेे हाईकोर्ट ने फडणवीस को इस मामले में क्लीहनचिट दे दी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान फडणवीस की ओर से कहा गया था कि मुख्यमंत्री और राजनीतिक लोगों के खिलाफ 100 मुकदमे रहते हैं। किसी के चुनावी हलफनामे में नहीं देने पर कार्रवाई नहीं हो सकती।

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वहीं, याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया था कि उन्होंने चुनावी हलफनामे में जानकारी छिपाई है।इसलिए कार्रवाई होनी ही चाहिए। इस पर कोर्ट ने पूछा था कि जानकारी जानबूझकर छिपाई गई या गलती से ऐसा हुआ।

बता दें कि फडणवीस पर ये दोनों मुकदमे 1996 और 1998 में दर्ज कराए गए थे। हालांकि, दोनों मामलों में उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किए जा सके थे।

 

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