Dimple Yadav Birthday: डिंपल यादव ने अपने जीवन में कैसे किया संघर्ष, जानिए सब कुछ डिटेल में

Dimple Yadav Biography: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की तरह उनकी पत्नी डिंपल यादव भी हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं। जानें डिंपल यादव शैक्षिक और राजनीतिक सफर के बारे में।

Report :  Jugul Kishor
Update: 2024-01-15 03:49 GMT

Dimple Yadav (Pic: Social Media)

Dimple Yadav: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव की तरह उनकी पत्नी डिंपल यादव भी हमेशा चर्चा में बनी रहती हैं। वर्तमान में अखिलेश और डिंपल के तीन बच्चे अदिती, अर्जुन और टीना हैं। अर्जुन और टीना जुड़वां बच्चे हैं। डिंपल राजनीतिक परिवार से भले ही जुड़ी हों, लेकिन वे बेहद सादगी से रहती हैं। उनका राजनीतिक करियर भी चर्चा में रहा है। आइये जानते हैं डिंपल यादव शैक्षिक और राजनीतिक सफर के बारे में।

डिंपल यादव का जन्म (Dimple Yadav Birth Date)

डिंपल यादव का जन्म 1978 में पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। वह रिटायर्ड भारतीय सेना कर्नल आरएस रावत और चम्पा रावत की तीन बेटियों में से दूसरी हैं। उनकी मां चम्पा रावत हाउस वाइफ हैं। डिंपल ने 1993 में आर्मी पब्लिक स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल की परीक्षा पास की है। वहीं उन्होंने 12वीं 1995 में आर्मी पब्लिक स्कूल से पास किया। डिंपल यादव ने 2022 में दिए हलफनामें के अनुसार वे ग्रेजुएट हैं। उन्होंने 1998 में लखनऊ विश्विद्यालय, लखनऊ से बी.कॉम किया है।


डिंपल यादव का राजनीतिक सफर

डिंपल यादव ने अपना राजनीतिक सफर 2009 में शुरू किया था। उन्होंने फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव लड़ा था। यह चुनाव उन्होंने राज बब्बर के खिलाफ लड़ा था। जिसमें डिंपल को हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2012 में लोकसभा उपचुनाव के दौरान डिंपल ने कनौज निर्वाचन क्षेत्र से निर्विरोध चुनाव जीता और सांसद बनीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डिंपल पूरे भारत में 44वीं और उत्तर प्रदेश में चौथी प्रत्याशी थी जो निर्विरोध जीती हों। 2014 में वे फिर से कन्नौज से सांसद चुनीं गईं थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह सपा बसपा के गठबंधन से चुनाव लड़ी थीं लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था। 2022 उपचुनाव में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी से सांसद चुनी गई हैं।


डिंपल यादव पारिवारिक और राजनीतिक दोनों जिम्मेदारियों को निभाती हैं

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब-जब पिता-पुत्र की जंग में अखिलेश कमजोर और असहाय होते हुए दिखे तब डिंपल यादव उनका हमेशा ख्याल रखतीं थीं, और उनका हौसला-आफजाई करतीं और उनको अच्छी सलाह भी देतीं थी। डिंपल ने पारिवारिक और राजनैतिक दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभाई हैं। अखिलेश अकेले ने पड़ जाएं इसके लिए डिंपल यादव हर वक्त अखिलेश के साथ देती रहीं और घरेलू जिम्मेदारी के अलावा राजनैतिक मसलों पर भी अखिलेश को सलाह देकर सहायता करती रही हैं।


डिंपल ने लोकसभा चुनाव में चाचा शिवपाल को मनाया

बता दें समाजवादी पार्टी संरक्षक मुलायम सिंह की मौत के बाद मैनपुरी लोकसभा सीट खाली हो गई थी, जिसके बाद सपा ने डिंपल यादव को मैनपुरी से प्रत्याशी बनाया। मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में सबसे बड़ी बात ये रही कि उन्होने अपने चाचा शिवपाल यादव को मना लिया। जिसका फायदा ये हुआ कि डिंपल यादव नें लोकसभा के उपचुनाव में 2.88 लाख वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के रघुराज शाक्य को हरा दिया था।    

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