कम नहीं हो रहीं मुश्किलें, फर्जी दुष्कर्म मामले में न्यायिक हिरासत भेजे गए गायत्री

सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को आईपीएस और उनकी पत्नी को कथित दुराचार सहित अन्य मामलों में फंसाने के आरोप में बुधवार को सीजेएम कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साथ ही मामले में आरोपित करने के लिए अगली सुनवाई 18 अगस्त को निश्चित की है।

Update: 2017-08-02 14:52 GMT

लखनऊ: सामूहिक दुष्कर्म के मामले में जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को आईपीएस और उनकी पत्नी को कथित दुराचार सहित अन्य मामलों में फंसाने के आरोप में बुधवार को सीजेएम कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया। साथ ही मामले में आरोपित करने के लिए अगली सुनवाई 18 अगस्त को निश्चित की है।

आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को गाजियाबाद की एक महिला की सहायता से फर्जी दुष्कर्म सहित अन्य फर्जी मुकदमों में फंसाए जाने के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और अन्य के खिलाफ थाना गोमतीनगर में दर्ज मुकदमे में बीते 24 जून को लखनऊ पुलिस ने प्रजापति के खिलाफ सीजेएम न्यायालय में आरोपपत्र दाखिल किया था।

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सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने प्रजापति के विरुद्ध धारा 211 और 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान लिया है। तब सीजेएम ने अपने आदेश में कहा, "अमिताभ और नूतन के खिलाफ दर्ज कराए गए दुष्कर्म के केस की पत्रावली और इस केस के समस्त केस डायरी से प्रजापति के खिलाफ धारा 211 और 120बी आईपीसी में आरोप पर संज्ञान लेने के पर्याप्त आधार हैं।"

सीजेएम ने गायत्री पर मुकदमा चलाए जाने और विवेचक अपराध शाखा के इंस्पेक्टर दीपन यादव को बुधवार को न्यायालय में पेश होने का आदेश दिया था। इस मामले में सीजेएम लखनऊ संध्या श्रीवास्तव ने बुधवार को प्रजापति के विरुद्ध पूर्व न्यायिक हिरासत को निरस्त करते हुए, उन्हें धारा 211 और 120बी आईपीसी में न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

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