राजनीति से नया नहीं हैं खिलाड़ियों का नाता, ये दिग्गज Players लड़ चुके हैं चुनाव
खिलाड़ियों का राजनीति में उतरना कोई नई बात नहीं है, फिर चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो। हर चुनाव में क्रिकेट से लेकर दूसरे खेलों के खिलाड़ी राजनीति में अपने हाथ आजमाते रहे हैं।
श्रीधर अग्निहोत्री
नई दिल्ली: खिलाड़ियों का राजनीति में उतरना कोई नई बात नहीं है, फिर चाहे वह लोकसभा का चुनाव हो या विधानसभा का चुनाव हो। हर चुनाव में क्रिकेट से लेकर दूसरे खेलों के खिलाड़ी राजनीति में अपने हाथ आजमाते रहे हैं।
कीर्ति आजाद से लेकर अजहरूद्दीन, चेतन चौहान से लेकर मो. कैफ तक चुनावी मैदान में उतरते रहे हैं। इनमें से कुछ तो सफल रहे पर कुछ असफल होकर वापस लौट गए। इस बार भी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने खिलाड़ियों को टिकट देकर उन पर अपना खूब भरोसा जताया हैं।
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योगेश्वर दत्त और बबीता फ़ोगाट चुनावी मैदान में
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना लोहा मनवाने के बाद अब राजनीति में पटकनी देने के लिए भाजपा ने ऐसे खिलाड़ियों को चुनाव मैदान में उतारा है। इस चुनाव में पुरूष पहलवान योगेश्वर दत्त के अलावा महिला पहलवान बबीता फ़ोगाट भी चुनाव मैदान हैं।
जबकि भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान संदीप सिंह भी चुनावी मैदान में पेनाल्टी कार्नर की जगह वोट पर अपना निशाना साध रहे है। योगेश्वर दत्त सोनीपत जिले के बरोदा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
योगेश्वर दत्त के मैदान में उतरने से कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ी
यह सीट कांग्रेस की सबसे ताकतवर सीट रही है पर इस बार योगेश्वर दत्त के उतरने से कांग्रेस प्रत्याशी को पसीना आ रहा है। अपने खेल के अलावा दंगल फिल्म के जरिए चर्चा में आई बबीता फोगट पर पूरे हरियाणा की नजर है।
बबीता के पिता और द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित हो चुके महावीर फोगाट भी उनके चुनाव प्रचार में लगे हुए है। भाजपा में शामिल हुई पैरा ओलंपियन खेलों की पदक विजेता पद्मश्री दीपा मलिक भी टिकट की लाइन में थी। पर उनको टिकट नहीं मिल सका।
इसी तरह अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान हैट्रिक लेने वालेे पूर्व टेस्ट क्रिकेटर चेतन शर्मा को भी टिकट नहीं मिल पाया वर्ना वो भी चुनाव मैदान में होते।
सिद्धू,कैफ, आजाद समेत ये खिलाड़ी लड़ चुके हैं चुनाव
राजनीति के मैदान में खिलाड़ियों का उतरना कोई नई बात नहीं है। इसके पहले भी क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू मो. कैफ, कीर्ति आजाद, मो. अजहरूद्दीन, फुटबालर वाईचुंग भुटिया और प्रसून बनर्जी के अलावा हाकी खिलाडी दिलीप टिर्की अपनी किस्मत आजमा चुके हैं।
2019 में क्रिकेटर गंभीर सांसद और राठौर बने मंत्री
गौतम गंभीर दिल्ली से 2019 के लोकसभा चुनाव में सांसद बन चुके हैं। क्रिकेटर चेतन चौहान तो सांसद रहने के बाद यूपी विधानसभा से विधायक बने और अब योगी सरकार में मंत्री हैं। जबकि केन्द्र की मोदी सरकार में राज्यवर्धन राठौर मंत्री पद से नवाजे जा चुके हैं।
इन खिलाड़ियों को नहीं मिल पाया टिकट
पूर्व पहलवान सुशील कुमार के ससुर और पूर्व ओलम्पियन सतपाल भी पिछले लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांग चुके हैं। जबकि 1975 विश्वकप हाकी की विजेता टीम के कप्तान अजीत पाल सिंह ने भाजपा से लोकसभा चुनाव 2014 में टिकट पाने का प्रयास किया था।
24 अक्टूबर को तय होगा आगे का भविष्य
वहीं इस चुनाव में भाजपा ने किक्रेटर सौरव गांगुली को टिकट देने का प्रस्ताव रखा था पर उन्होंने इंकार कर दिया। अब देखना है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव में उतरे इन खिलाड़ियों को विधानसभा का रास्ता अख्तियार करना होगा या वापस खेल मैदान में लौटना पड़ सकता है। इसका फैसला तो 24 अक्टूबर को आने वाले चुनाव परिणाम पर ही निर्भर करेगा।
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