अब्दुल्ला के गजब तेवर: कहा हम किसी की कठपुतली नहीं, धारा 370 पर कही ये बात

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वो केवल कश्मीर के लोगों के प्रति ही उत्तरदायी है और उन्हीं के लिए काम करेंगे। उनका कहना है कि वो वो किसी की कठपुतली नहीं है ना तो नई दिल्ली और ना ही सीमा पार मौजूद मुल्क की।

Update:2020-08-30 16:44 IST
हम किसी की कठपुतली नहीं- फारूक अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि वो केवल कश्मीर के लोगों के प्रति ही उत्तरदायी है और उन्हीं के लिए काम करेंगे। उनका कहना है कि वो वो किसी की कठपुतली नहीं है ना तो नई दिल्ली और ना ही सीमा पार मौजूद मुल्क की। इसके अलावा गुपकार घोषणा पर पाकिस्तान की वाहवाही का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अचानक से हम पसंद आने लगे हैं।

पाकिस्तान अचानक हमें पसंद करने लगा है

उन्होंने रविवार को कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा से जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों का दुरुपयोग ही किया है और अब उन्हें हम अचानक से पसंद आने लगे हैं। बता दें कि गुपकार घोषणा के तहत जम्मू-कश्मीर की छह पार्टियों ने राज्य से आर्टिकल 370 हटाने के खिलाफ सामूहिक रूप से लड़ने का संकल्प लिया है। साथ ही भारत सरकार से इस धारा की बहाली की भी मांग की है।

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क्या कहा था पाकिस्तान ने?

वहीं इस गुपकार घोषणा पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये सामान्य नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर की राजनीति का अहम घटनाक्रम है। गौरतलब है कि 5 अगस्त 2019 को केंद्र ने धारा 370 हटाते हुए जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। जिसके बाद पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मसला बनाने में जुटा रहता है।

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हम किसी की कठपुतली नहीं- अब्दुल्ला

मीडिया रिपोर्ट्स क मुताबिक, पाकिस्तान के बयान पर फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि मैं इसे स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम लोग किसी की कठपुतली नहीं है, ना ही दिल्ली के और ना ही सीमा पार मौजूद किसी और के। हम लोग जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए उत्तरदायी हैं और उन्हीं के लिए काम करेंगे।

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हम राज्य में खून खराबे का चाहते हैं अंत

वहीं बॉर्डर पार आतंकवाद के मुद्दे पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मैं पाकिस्तान से अनुरोध करूंगा कि वो हथियारबंद लोगों को कश्मीर में न भेजे। हम अपने राज्य में खून खराबे का अंत चाहते हैं, जम्मू-कश्मीर की सभी पार्टियां शांतिपूर्वक अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगी। उन्होंने कहा कि इसमें बीते साल पांच अगस्त को असंवैधानिक तरीके से हमसे जो छीना गया था वो भी शामिल है।

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बातचीत की टेबल पर आएं भारत-पाकिस्तान

इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत-पाकिस्तान से अपील की कि दोनों ही देश एक बार फिर से बातचीत की टेबल पर आएं, क्योंकि ये सभी के हित में है। उन्होंने कहा कि जब भी संघर्ष विराम का उल्लंघन होता है तो एलओसी के दोनों ही तरफ हमारे लोग मरते हैं और इसे रोका जाना चाहिए।

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