भाजपा और जजपा के बीच बढ़ती दरार, क्या हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

जजपा अपने नुकसान की भरपाई जाट मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण से करना चाहती है इसीलिए लव जिहाद शब्द का मुखर विरोध किया है। दुष्यंत चौटाला का साफ कहना है कि, हम "लव जिहाद" शब्द से सहमत नहीं हैं।

Update: 2021-03-05 05:31 GMT
भाजपा और जजपा के बीच बढ़ती दरार, क्या हरियाणा में बदलेंगे समीकरण

रामकृष्ण वाजपेयी

चंडीगढ़: हरियाणा में खट्टर सरकार एक बार फिर मुसीबत में आती दिखायी दे रही है। इसकी वजह है उसके साथी दल जजपा के नेता दुष्यंत चौटाला का भाजपा के बहु प्रचारित लव जिहाद शब्द से अलग खड़े हो जाना। इससे पहले किसानों के मसले पर भी दोनो दलों के वैचारिक मतभेद उजागर हो चुके हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के लिए चुनौती बन गये किसान आंदोलन को लेकर भी हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार के सामने भी ख़तरा उत्पन्न हो गया था। अब एक बार फिर भाजपा जजपा आमने सामने आ गई हैं।

हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला था लेकिन उसने दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी यानी जजपा के 10 विधायकों के समर्थन से हरियाणा में सरकार बना ली थी। हालांकि दोनो दलों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था।

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हरियाणा सरकार की भूमिका पर खड़े हुए सवाल

जजपा को ग्रामीण इलाक़ों में वोट मिला था जो किसान मज़दूरों का वर्ग माना जा रहा है। किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े हुए थे। किसान आंदोलन से दुष्यंत चौटाला की पार्टी जजपा पर सबसे ज्यादा खतरा उत्पन्न हुआ है।

दुष्यंत चौधरी किसान नेता के तौर पर बढ़ रहे आगे

जबकि दुष्यंत चौधरी ख़ुद को चौधरी देवीलाल के असली वारिस बताते हुए किसान नेता के तौर पर खुद को हरियाणा की राजनीति में आगे बढ़ाने में लगे हैं, लेकिन किसान आंदोलन में जजपा का मौन धारण जाटों को रास नहीं आया था।

फिलहाल अगर आंकड़ों पर नजर डालें तो हरियाणा 2001 में मुस्लिमों की आबादी दूसरे नबंर के हिस्सेदार के रूप में 5.78 प्रतिशत थी जो कि साल 2011 में बढ़कर 7.02 प्रतिशत हो गई। हरियाणा की आबादी में तीसरे नंबर के हिस्सेदार सिखों की जनसंख्या साल 2001 में 5.53 प्रतिशत थी जो कि 2011 में घटकर 4.90 प्रतिशत रह गई।

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(फोटो- सोशल मीडिया)

जजपा ऐसे करना चाहती है नुकसान की भरपाई

विश्लेषकों का मानना है कि जजपा अपने नुकसान की भरपाई जाट मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण से करना चाहती है इसीलिए लव जिहाद शब्द का मुखर विरोध किया है। दुष्यंत चौटाला का साफ कहना है कि, हम "लव जिहाद" शब्द से सहमत नहीं हैं, जिसका इस्तेमाल यह जाहिर करने के लिए किया जाता है कि मुस्लिम पुरुषों द्वारा हिंदू लड़कियों को फंसाकर संबंध स्थापित किए जाते हैं और फिर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है।

जबकि 'लव जिहाद' पर भाजपा का रूख दुष्यंत चौटाला के बयान के उलट है। भाजपा का जोर 'लव जिहाद' शब्द पर है। इसी शब्द को आगे रखकर यूपी और मध्य प्रदेश में कानून भी तैयार कर दिए गए। ऐसा ही कानून गुजरात में भी लाया जा रहा है।

हरियाणा में भी आएगा ये कानून

हरियाणा ऐसा चौथा प्रदेश होगा, जहां यह कानून लाया जा रहा है। भाजपा नेता 'लव जिहाद' के खात्मे की बात पर जोर देते रहे हैं। ऐसे समय में दुष्यंत चौटाला का यह कहना कि, वे 'लव जिहाद' नाम के शब्द से सहमत नहीं हैं। अपने आप में काफी कुछ स्पष्ट कर रहा है। दुष्यंत चौटाला जजपा के नेता हैं और जजपा सूबे में भाजपा के साथ गठबंधन सरकार में शामिल है।

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