कैबिनेट विस्तार: शिवराज की टीम में इन दिग्गज नेताओं को मिल सकती है जगह

देश भर में सोमवार से लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत हो गई है। इस बीच मध्य की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है।  यहां शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उठापठक तेज हो गई है।

Update: 2020-05-18 08:53 GMT

भोपाल: देश भर में सोमवार से लॉकडाउन के चौथे चरण की शुरुआत हो गई है। इस बीच मध्य की राजनीति से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर उठापठक तेज हो गई है।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिवराज रविवार को भी पार्टी कार्यालय पहुंचे थे और उन्होंने संगठन महामंत्री सुहास भगत से मुलाकात की थी।

इससे पहले वे शनिवार को वे अपने सरकारी आवास पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से भी इस विषय पर चर्चा कर चुके हैं।

अब खबरें ऐसी आ रही है कि पार्टी इसी हफ्ते वरिष्ठ नेताओं से चर्चा करने के बाद मंत्री पद के नामों को अंतिम रूप दे प्रदान कर सकती है।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 22 से 24 कैबिनेट और राज्य मंत्री बनाए जाएंगे। पहले ही सिंधिया गुट से दो लोगों को मंत्री बनाया जा चुका है। बचे हुए प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया और राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल होने वाले बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, एंदल सिंह कंसाना और रणवीर जाटव को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट और कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए 22 नेताओं में से 11 लोगों को मंत्री पद देने का दबाव है। इस वजह से भाजपा विधायकों के लिए कम पद बचेंगे, इसपर केंद्रीय नेताओं से बात करके फैसला लिया जाएगा।

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अपने लोगों के साथ समन्वय स्थापित करने की चिंता

भाजपा के सामने बड़ी मुश्किल यह है कि वह अपने लोगों के साथ किस तरह से समन्वय बैठाएगी। भाजपा में 40 से अधिक ऐसे नाम हैं जो मंत्री बनाए जाने की दावेदारी सामने रख चुके हैं। उन्होंने राज्य से लेकर दिल्ली तक अपनी बात पहुंचाई है। ऐसे हालात में मुख्यमंत्री और संगठन के सामने चेहरे तय करने को लेकर चुनौतियां बढ़ गई हैं।

सिंधिया गुट से तुलसी सिलावट को मंत्री बनाया जा चुका है। अब इमरती देवी और प्रभुराम चौधरी को दलित कोटे से मंत्री बनाया जा सकता है। ऐसे में भाजपा से भी एक-दो दलितों को मंत्री बनाया जा सकता है।

इसी तरह अनुसूचित जनजाति के चेहरे को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। बचे हुए पदों पर अन्य पिछड़ा वर्ग, सामान्य और ब्राह्मण में समन्वय बैठाया जाएगा।

पार्टी सूत्रों का कहना है कि मंत्री पद के नए दावेदार जिन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलेगी, उन्हें पार्टी के प्रदेश निकाय में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा सरकार के निगम-मंडलों, आयोग और बोर्ड में भी मंत्रिमंडल विस्तार के बाद तुरंत नियुक्तियों की घोषणा हो सकती है।

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