घुसपैठियों के खिलाफ मनसे ने भरी हुंकार, राज ठाकरे बोले- कोई धर्मशाला नहीं है भारत

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने हिंदुत्ववादी की धार को तेज करते हुए रविवार को सड़कों पर उतरे। उन्होंने अवैध पाकिस्तानी-बांग्लादेशी प्रवासियों को देश के बाहर निकालने के लिए जुलूस निकाला।

Update: 2020-02-09 16:41 GMT

नई दिल्ली: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे अपने हिंदुत्ववादी की धार को तेज करते हुए रविवार को सड़कों पर उतरे। उन्होंने अवैध पाकिस्तानी-बांग्लादेशी प्रवासियों को देश के बाहर निकालने के लिए जुलूस निकाला। इसमें हजारों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता पहुंचे।

सीएए के लिए स्पष्ट समर्थन दिखाते हुए राज ठाकरे ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, उन्हें यहां नागरिकता देने में क्या गलत है?' एनआरसी के विवादित मुद्दे पर राज ठाकरे ने कहा कि भारत अवैध प्रवासियों के लिए धर्मशाला नहीं था। उन्होंने कहा कि हर देश अपने नागरिकों के लिए सख्त कदम उठाता है। वे उन्हें निर्वासित करते हैं या उन्हें जेल भेजते हैं। केवल हम मानवता के बारे में बात करते हैं।

पार्टी ने हालांकि स्पष्ट कर दिया है कि यह जुलूस सीएए-एनआरसी-एनपीआर के समर्थन में नहीं है, लेकिन यह देश में अवैध रूप से रह रहे पाकिस्तानी-बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ है।

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इससे पहले 9 फरवरी को निकाले जाने वाले विभिन्न प्रोमो में से एक में कहा गया है कि भारत मेरा देश है। सभी भारतीय मेरे भाई और बहन हैं, लेकिन पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठिए मेरे भाई-बहन नहीं हैं और वे भारतीय नहीं हैं।

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शिवाजी पार्क स्थित से शुरू हुए इस मार्च से पहले ठाकरे और उनकी पत्नी शर्मिला, उनके बेटे और मनसे नेता अमित ठाकरे सहित उनके परिवार ने सबसे पहले प्रभादेवी स्थित 220 साल पुराने सिद्धि विनायक मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन कर उनकी आरती की। इसके बाद मनसे के शीर्ष नेताओं के साथ ठाकरे ने आजाद पार्क तक एक मार्च निकाला।

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गौतरलब है कि राज ठाकरे ने अपनी पार्टी मनसे के हाल ही में नई शुरुआत करने का ऐलान किया है। हालांकि राज ठाकरे की नई रणनीति के तहत उनके बीजेपी के साथ जाने की चर्चा है, पर राज ठाकरे ने अभी इस बारे में खुलकर कुछ नहीं कहा है और सस्पेंस बरकरार रखा है।

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