मोदी सरकार गरीबों- मजदूरों के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष थाली बजा रहा: सुशील मोदी

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया। शाह ने यहां कहा कि वर्चुअल रैली का चुनाव से लेना-देना नहीं, ये आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।

Update:2020-06-07 18:15 IST

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को अपनी पार्टी के लिए बिहार में पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया। शाह ने यहां कहा कि वर्चुअल रैली का चुनाव से लेना-देना नहीं, ये आत्मनिर्भर भारत की तैयारी है।

इससे पूर्व बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने भी इस रैली को सम्बोधित किया। इस दौरान आरजेडी के 'थाली बजाओ अभियान' पर जमकर निशाना साधा। विपक्ष पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि विपक्ष गरीबों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहा रहा है।

केंद्र और बिहार सरकार ने मिलकर गरीबों को 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की मदद की है। आज जब नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबों, मजदूरों के लिए काम कर रही है, तो विपक्ष थाली बजा रहा है।

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विपक्ष के नेता 15 साल में बिना काम किए अरबपति बन गए

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के थाली बजाने के अभियान पर हमला बोलते हुए कहा कि बिहार के विपक्ष के नेता 15 साल में बिना काम किए अरबपति बन गए। 15 साल में वे पशुओं का चारा खा गए।

सुशील मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने समय रहते देश में लॉकडाउन घोषित किया, जिससे देश के लाखों लोगों की जान बच सकी। इसके लिए दोनों नेताओं को धन्यवाद देता हूं।

नरेंद्र मोदी की सरकार अमेरिका सहित 50 देशों के लोगों के लिए मुफ्त में दवाएं पहुंचाना जानती है, तो भारत के लाखों लोगों की जान बचाना भी जानती है।

बिहार के 86 लाख से ज्यादा मजदूरों को 10 किलो चावल और एक किलो चना भेजा। सुशील मोदी ने कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए बिहार सरकार द्वारा किए गए काम का भी लेखा जोखा जनता के सामने रखा।

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बिहार सरकार मजदूरों को जरूरी सामानों के साथ कर रही आर्थिक मदद

बताया कि बिहार के अंदर 14 हजार से ज्यादा लोगों को ब्लॉक क्वारंटाइन सेंटर में रखा जा रहा है। हर मजदूर को स्टील की थाली, कटोरी, ग्लास, कंघी, मच्छरदानी, धोती-साड़ी आदि मिलाकर 1000 का सामान बिहार सरकार ने देने का काम किया है। इसके अलावा सरकार ने उन्हें अलग से 1000 रुपए भी देगी।

क्वारंटाइन सेंटर में रहने वालों पर सरकार 5000 रुपए से ज्यादा पैसे खर्च कर रही है। बिहार के 8 करोड़ 76 लाख 15 किलो चावल और 3 किलो अरहर दाल पहुंचाना भी जानती है, जिसकी कीमत 6000 करोड़ रुपए है। इसके अलावा करोड़ों लोगों को गैस मुहैया कराना और उनके खाते में 1-1 हजार रुपए पहुंचाना भी जानती है।

विभिन्न राज्यों में फंसे लोगों को उनके घर तक पहुंचाना चुनौती थी. लेकिन मोदी सरकार ने 1500 से ज्यादा ट्रेन चलाकर 21 लाख मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम किया है। कोटा के बच्चों का रेल किराया देने से जब राजस्थान सरकार ने मना कर दिया, तो बिहार सरकार ने इन 18000 बच्चों को घर पहुंचवाया।

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