Sharad Pawar News: शरद पवार ने दिलाई 1977 की याद, कहा-पीएम चेहरा कोई मुद्दा नहीं,भाजपा का विकल्प मुहैया कराना जरूरी

Sharad Pawar News: एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा पेश करना कोई मुद्दा नहीं है।

Update: 2023-06-11 04:38 GMT
NCP Cheif Sharad Pawar (Pic Credit -Social Media)

Sharad Pawar News: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की एकजुटता की कोशिशों के बीच एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव के दौरान विपक्ष की ओर से प्रधानमंत्री पद का चेहरा पेश करना कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने 1977 की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय भी पीएम पद के लिए कोई चेहरा नहीं पेश किया गया था।

विपक्षी दलों की एकजुटता के लिए पटना में 23 जून को बड़ी बैठक होने वाली है। विपक्षी दलों के बीच पीएम चेहरे को लेकर पेंच उलझा हुआ है। ऐसे में पवार का यह बयान सियासी नजरिए से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि पवार इस विवाद को टालने की कोशिश में जुटे हुए हैं ताकि विपक्षी दलों की एकजुटता में पैदा हुई इस बड़ी बाधा को दूर किया जा सके।

1977 में भी नहीं घोषित हुआ था पीएम पद का चेहरा

एनसीपी नेता ने कहा कि विपक्षी दल भाजपा का विकल्प तैयार करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी एकजुटता के लिए पूरी मजबूती से काम कर रहे हैं। उन्होंने नीतीश कुमार के प्रयासों को समर्थन देते हुए कहा कि इसी सिलसिले में पटना में 23 जून को विपक्षी नेताओं की महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। उन्होंने इस बैठक में हिस्सा लेने का ऐलान करते हुए कहा कि इस बैठक में भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की संयुक्त रणनीति तैयार की जाएगी।

विपक्षी दलों में पीएम चेहरे को लेकर विवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मेरी नजर में यह कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नहीं है। पवार ने कहा कि पूर्व में भी कई बार पीएम चेहरा घोषित किए बिना चुनाव लड़ा गया है। 1977 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए पवार ने कहा कि उस समय जनता पार्टी की ओर से किसी को भी पीएम चेहरा नहीं घोषित किया गया था। जनता पार्टी के चुनाव जीतने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में मोरारजी देसाई को चुना गया था। पवार ने कहा कि यदि यह काम 1977 में किया जा सकता था तो अब क्यों नहीं किया जा सकता।

भाजपा का विकल्प मुहैया कराना महत्वपूर्ण

एनसीपी नेता ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात है भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प मुहैया कराना। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को विपक्षी दलों से काफी उम्मीदें हैं और ऐसे में विपक्षी दलों पर भी विकल्प मुहैया कराने की बड़ी जिम्मेदारी है। पीएम पद के लिए कोई चेहरा पेश करना जरूरी नहीं है और इस मुद्दे को चुनाव के बाद भी सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि पटना की बैठक में हम किसी नतीजे पर पहुंचने में कामयाब होंगे।

पवार ने कहा कि यदि विपक्षी दल आपस में एकजुटता कायम करने में कामयाब रहे तो निश्चित रूप से भाजपा का एक मजबूत विकल्प मुहैया कराया जा सकता है। सबसे जरूरी बात यह है कि भाजपा के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार खड़ा किया जाए और नीतीश कुमार भी इसी बात पर जोर दे रहे हैं। पटना की बैठक में इस बाबत विपक्ष की रणनीति तैयार की जाएगी।

लोगों की उम्मीदें पूरा करना विपक्ष की जिम्मेदारी

पवार ने कहा कि मौजूदा समय में देश के लोग बदलाव की आस लगाए बैठे हैं। ऐसे में लोगों की उम्मीदें पूरा करना विपक्षी दलों की बड़ी जिम्मेदारी है। महाराष्ट्र में हाल में हुई सांप्रदायिक घटनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों को ऐसी विभाजनकारी नीतियां पसंद नहीं है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों की ओर से महाराष्ट्र का माहौल खराब करने की कोशिश की जा रही है। कर्नाटक के लोगों ने भाजपा की ऐसी नीतियों को पूरी तरह खारिज कर दिया है और मुझे पूरा भरोसा है कि महाराष्ट्र के लोग भी ऐसी नीतियों को कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

पटना की बैठक से विपक्षी एकजुटता की आस

2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकजुटता में पवार की भूमिका काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले दिनों मुंबई आकर पवार से मुलाकात की थी और उनसे विपक्षी एकजुटता से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की थी।

अब पवार ने नीतीश कुमार के प्रयासों की सराहना करते हुए पटना की महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने का ऐलान किया है। माना जा रहा है कि पटना की बैठक के दौरान विपक्षी एकजुटता की दिशा में महत्वपूर्ण ऐलान किए जा सकते हैं।

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