राजस्थान सियासी ड्रामाः साथ दिखे, हाथ मिले, हंसी के बीच था एक इशारा
राजस्थान की सियासत में उठापटक के बाद आज पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री आवास (CMR) में मुलाकात हुई है। इस बैठक में पायलट और गहलोत गुट के विधायक एक साथ शामिल हुए ।
जयपुर: राजस्थान की सियासत में उठापटक के बाद आज पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सिविल लाइन्स स्थित मुख्यमंत्री आवास (CMR) में मुलाकात हुई है। इस बैठक में पायलट और गहलोत गुट के विधायक एक साथ शामिल हुए । राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार में लंबे समय से चल रहे सियासी संकट का अंत हो गया है, लेकिन शीर्ष स्तर पर कड़वाहट दिख रही है। बागी तेवर दिखाने वाले सचिन पायलट के साथ मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते। विवाद के बाद दोनों नेताओं की आज मुलाकात हुई।
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विवाद लंबे समय तक बना रहा
राज्य में दोनों नेताओं के बीच विवाद लंबे समय तक बना रहा और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की ओर से हस्तक्षेप के बाद विवाद अब खत्म हो गया है। शुक्रवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र से ठीक पहले मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई जिसमें सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुट के सभी विधायक एक साथ नजर आए।
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की भी मुलाकात हुई। बैठक के दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एलान किया कि विधानसभा में कांग्रेस खुद विश्वास प्रस्ताव पेश करेगी।
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करेंगे शिकायत दूर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'हम विधानसभा में विश्वास मत खुद लाएंगे' हालांकि मुख्यमंत्री की बात में तब नाराजगी भी दिखी जब उन्होंने कहा कि जो बातें हुई सब भुला दें।हम इन 19 विधायकों के बिना भी बहुमत साबित कर देते। हालांकि विधायकों की नाराजगी पर सीएम गहलोत ने कहा, 'किसी भी विधायक की शिकायत है तो उसे दूर करेंगेय़ अभी चाहें अभी मिल लें। बाद में चाहे बाद में मिल लें।
अविश्वास प्रस्ताव
शुक्रवार से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इसी को देखते हुए गुरुवार को बीजेपी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बीजेपी की इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं। जबकि केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रतिनिधि ने भी बैठक में हिस्सा लिया। बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने ऐलान किया है कि वो कल (शुक्रवार) ही सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। अशोक गहलोत सरकार के सामने बहुमत साबित करने की चुनौती है।
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