JNU हिंसा पर राजनीति! इन नेताओं ने उठाये सवाल, केंद्र सरकार पर साधा निशाना
JNU में हुई हिंसा और पुलिस की लेटलतीफी पर एक ओर कई कॉलेज के छात्रों ने समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया तो वहीं कई राजनीतिक दलों ने इसकी निंदा की है।
दिल्ली: जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय में हुई हिंसा और पुलिस की लेटलतीफी पर एक ओर कई कॉलेज के छात्रों ने समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ कई राजनीतिक दलों ने इस हिंसा की निंदा करते हुए केंद्र सरकार और पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से लेकर कांग्रेस नेता राहुल-प्रियंका और मायावती से लेकर अखिलेश यादव तक की इस विवाद में प्रतिक्रिया आ गयी है।
सीएम केजरीवाल ने जेएनयू हिंसा पर उठाये सवाल:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि जेएनयू में हिंसा की खबर से हैरान हूं। स्टूडेंट्स पर हमला किया गया है। पुलिस को फौरन हिंसा रोकनी चाहिए और शांति कायम करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर हमारे छात्र विश्वविद्यालय कैंपस में सुरक्षित नहीं रहेंगे तो देश कैसे आगे बढ़ेगा।’
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जेएनयू हिंसा ने फांसीवादियों का डर सामने ला दिया-राहुल गांधी
राहुल ने कहा, 'नकाबपोशों द्वारा जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों पर किया गया क्रूर हमला, जिसमें कई गंभीर रूप से घायल हो गए, चौंकाने वाला है।' उन्होंने ट्वीट किया कि हमारे बहादुर छात्रों की आवाज़ से फांसीवादी डरते हैं। जेएनयू में आज हुई हिंसा उसी डर का प्रतिबिंब है।'
प्रियंका गांधी ने लगाये पुलिस पर आरोप:
इसके अलावा प्रियंका गांधी एम्स में घायल छात्रों से मिलने पहुंची, जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'घायल छात्रों ने मुझे बताया कि गुंडों ने परिसर में एंट्री की और उन पर लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया। कई के सिर और शरीर पर चोट के निशान थे। एक छात्र ने उन्हें बताया कि पुलिस ने उसके सिर पर कई बार लात मारी।'
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अखिलेश यादव ने की जांच की मांग:
उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा करते हुए ट्वीट किया, JNU में जिस तरह नक़ाबपोश अपराधियों ने छात्रों और अध्यापकों पर हिंसक हमला किया है वो बेहद निंदनीय है. इस विषय में तत्काल उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच होनी चाहिए।'
वहीं सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हिंसा और नफ़रत फैलाने का काम कर रही है। वहीं एबीवीपी भाजपा के सैनिकों की तरह नफरत और हिंसा रही है।
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JNU हिंसा को गंभीरता से ले केंद्र सरकार:
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने ट्वीट किया, 'JNU में छात्रों व शिक्षकों के साथ हुई हिंसा अति-निन्दनीय व शर्मनाक। केन्द्र सरकार को इस घटना को अति-गम्भीरता से लेना चाहिये। साथ ही इस घटना की न्यायिक जाँच हो जाये तो यह बेहतर होगा।'
इसके अलावा, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जेएनयू में हुई हिंसा को दुर्भाग्यवश और चिंताजनक बताते हुए कहा कि मैं कैंपस में हुई हिंसा की निंदा करता हूं। मैं सभी छात्रों से अपील करता हूं कि वह विश्वविद्यालय का गरिमा और शांति बनाए रखें।'
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सोनिया का आरोप: मोदी सरकार की शह पर छात्रों पर हो रहा हमला
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा है कि आज देश में युवाओं और छात्रों की आवाज को दबाया और उनका मज़ाक बनाया जा रहा है। मोदी सरकार के संरक्षण में देश के युवाओं की आवाज को दबाकर गुंडों द्वारा हिंसा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कल जेएनयू में छात्रों-फैकल्टी पर हुआ हमला सरकार के द्वारा लोगों की असहमति की आवाज़ को दबाने के लिए याद किया जाएगा।
उद्धव ठाकरे ने कर दी 26/11 हमले से तुलना:
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जेएनयू हिंसा की तुलना 26/11 मुंबई हमले से कर दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो कुछ रविवार हुआ, वह कुछ ऐसा था जिसे हम 26/11 के बाद देख रहे हैं। सभी को पता होना चाहिए कि नकाब के पीछे कौन थे। आज के युवाओं को विश्वास में लेने की जरूरत है। युवा आज आत्मविश्वास खो रहा है।