हमले में जुटे राहुलः अब हारवर्ड का नाम लेकर मोदी पर कसा तीखा तंज
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की समस्यायों पर अबतक के लिए गए सभी फैसले पर यज तंज कसते हुए वीडियो शेयर किया है और ट्वीट किया है जिसमें कहा है कि 'भविष्य' में कोविड-19, नोटबंदी और जीएसटी से जुड़ी विफलताएं हारवर्ड बिजनसे स्कूल में अध्ययन का विषय होंगी।
नई दिल्ली: कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने जो लॉक डाउन लगाया था, जिसमें ये कहा गया था कि 21 दिन के लॉक डाउन में कोरोना समाप्त हो जायेगा। इस संबंध में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कोविड-19, नोटबंदी और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ी 'विफलताएं' भविष्य में हारवर्ड बिजनेस स्कूल में अध्ययन का विषय होंगी।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की समस्यायों पर अबतक के लिए गए सभी फैसले पर यज तंज कसते हुए वीडियो शेयर किया है और ट्वीट किया है जिसमें कहा है कि 'भविष्य' में कोविड-19, नोटबंदी और जीएसटी से जुड़ी विफलताएं हारवर्ड बिजनसे स्कूल में अध्ययन का विषय होंगी।
देश में कोविड-19 के 24,248 नए मामले सामने
बता दें कि सोमवार को देश में कोविड-19 के 24,248 नए मामले सामने आये तथा इस वायरस के कारण 425 और लोगों की जान गई। इसके साथ ही देश में संक्रमित लोगों एवं मरने वालों की कुल संख्या बढ़ कर क्रमश: 6,97,413 एवं 19,693 हो गई है।
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घटिया वेंटिलेटर खरीदने का आरोप केंद्र सरकार पर आरोप
इससे पहले कांग्रेस ने रविवार को सरकार पर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी नहीं कर लॉकडाउन का समय बर्बाद करने और कोविड-19 रोगियों के लिए घटिया वेंटिलेटर खरीदने का आरोप लगाया था। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि पीएम केयर्स कोष में अपारदर्शिता से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ रहा है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, 'पीएम केयर्स में अपारदर्शिता से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है और सार्वजनिक धन का इस्तेमाल घटिया सामग्री खरीदने में हो रहा है।'
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने लगाया घोटाले का आरोप
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी वेंटिलेटरों की खरीद में घोटाले का आरोप लगाया था। उन्होंने ट्वीट किया था, 'वेंटिलेटर घोटाला। 50 हजार वेंटिलेटर के लिए आवंटित दो हजार करोड़ रुपये में से 23 जून तक केवल 1340 वेंटिलेटर की आपूर्ति हुई। खुली निविदा नहीं हुई। घटिया गुणवत्ता। प्रति वेंटिलेटर बताई गई डेढ़ लाख रुपये की राशि के बजाए चार लाख रुपये में इन्हें खरीदा गया।'