अखिलेश के विकाश कार्यों को ध्वस्त कर बीजेपी अपनी सफलता मान खुश हो रही

Update: 2017-11-06 11:48 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) ने कहा है कि राज्य में विकास का जो बुनियादी ढांचा पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खड़ा किया था, भाजपा सरकार उसे ध्वस्त करने को ही अपनी सफलता मानती है।

सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सोमवार को कहा, "समाजवादी सरकार ने अपने कार्यकाल में विकास कार्यो में तेजी लाने के लिए जो जनहितकारी काम शुरू किए थे, उसे भाजपा सरकार ने अपने सात माह के कार्यकाल में ही रोक दिया। जहां एक ओर समाजवादी सरकार ने नौजवानों को रोजगार के साथ सम्मान देने की जिम्मेदारी निभाई, वहीं भाजपा ने नौकरी की व्यवस्था को बेकार कर दिया है।"

चौधरी ने कहा, "अभी पिछले दिनों ही भाजपा सरकार द्वारा पुलिस भर्ती पर लगी रोक अदालती आदेश से हटी है। समाजवादी सरकार में हजारों नौजवानों की भर्ती हुई थी। शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाकर भी रोजगार के नए द्वार खोले गए थे। लेकिन सूबे में भाजपा सरकार बनने के बाद 23 मार्च, 2017 को एक आदेश पारित कर बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगा दी गई थी।"

उन्होंने कहा कि यह स्वागत योग्य है कि उच्च न्यायालय ने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों और शिक्षा अनुदेशकों की भर्ती पर लगी रोक का आदेश रद्द कर दिया है।

सपा प्रवक्ता ने कहा, "अजीब बात है कि भाजपा नेता जोर शोर से 'सबका साथ, सबका विकास' का नारा तो लगाते हैं, लेकिन समाज को बांटने और आपसी रिश्ते बिगाड़ने का ही काम करते हैं। अखिलेश यादव ने मेट्रो रेल, एक्सप्रेस-वे और गोमती रिवरफ्रंट जैसी शानदार योजनाएं लागू की थीं। भाजपा के पास आज भी अपना बताने को कोई काम नहीं है। उसने गोमती रिवरफ्रंट की खूबसूरती को झाड़ झरवाड़ में बदल दिया है और एक्सप्रेस-वे की जांच का खूब शोर मचाया, जो लड़ाकू जहाजों के उतरने के शोर में दब गया।"

उन्होंने कहा कि राज्य में विकास का जो बुनियादी ढांचा अखिलेश ने खड़ा किया था, भाजपा सरकार उसे ध्वस्त करने को ही अपनी सफलता मानती है।

--आईएएनएस

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