Bilkis Bano Case: बिलकिस रेप मामले में रिहाई पर शरद पवार बिफरे, पीएम मोदी को लेकर गुजरात सरकार को घेरा
Bilkis Bano Case: एनसीपी मुखिया शरद पवार ने कहा कि गैंगरेप के दोषियों की न केवल रिहाई की गई बल्कि बाद में उनका सम्मान भी किया गया।
Bilkis Bano Case: एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने गुजरात में बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने वाले दोषियों की रिहाई पर सख्त नाराजगी जताई है। पहली बार इस मुद्दे पर बोलते हुए पवार ने दोषियों की रिहाई को पूरी तरह गलत बताया है। उन्होंने कहा कि गत 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से महिलाओं के सम्मान पर जोर दिया था और गुजरात सरकार का यह कदम पीएम मोदी के स्टैंड के पूरी तरह खिलाफ है।
एनसीपी मुखिया ने कहा कि गैंगरेप के दोषियों की न केवल रिहाई की गई बल्कि बाद में उनका सम्मान भी किया गया। पिछले कुछ समय के दौरान यह चिंता का सबसे बड़ा मुद्दा बनकर उभरा है। गुजरात सरकार के इस कदम पर देश भर में तीखी प्रतिक्रिया हुई है और देश भर में लोग इसे लेकर चिंता जता रहे हैं। यही कारण है कि अब इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है।
गुजरात सरकार का फैसला शर्मनाक
महाराष्ट्र में हुए सत्ता बदलाव के बाद पवार पिछले कुछ समय से मीडिया से पूरी तरह दूर थे मगर अब उन्होंने बिलकिस बानो के मामले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उन्होंने कहा कि बिलकिस बानो का केस देश में किसी से छिपा हुआ नहीं है। सभी को गुजरात में हुए इस जघन्य और शर्मनाक मामले की जानकारी है। इसीलिए बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप करने वाले दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। लेकिन गुजरात सरकार ने यह शर्मनाक घटना करने वाले दोषियों को रिहा करने का फैसला किया है।
एनसीपी मुखिया ने गत 15 अगस्त को लाल किले से दिए गए पीएम मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए गुजरात सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि एक ओर तो पीएम मोदी महिलाओं के सम्मान की बात करते हैं तो दूसरी ओर उनकी ही पार्टी की गुजरात सरकार गैंगरेप के दोषियों को रिहा करने का फैसला लेती है। उन्होंने गुजरात सरकार के इस फैसले को बेहद शर्मनाक बताया।
तीस्ता की गिरफ्तारी को गलत बताया
उन्होंने कहा कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क है और इसे कई मामलों से समझा जा सकता है। एनसीपी नेता ने तीस्ता सीतलवाड़ को लंबे समय से जेल में रखने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि तीस्ता का मामला पूरी तरह अन्याय का बड़ा उदाहरण है। पवार ने कहा कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है और लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसमें सभी को अपनी बात कहने का हक होता है।
तीस्ता सीतलवाड़ ने कई साल पहले जो बातें कही थीं,उन बातों को आधार बनाकर आज उन्हें परेशान किया जा रहा है और लंबे समय से उन्हें जेल में बंद रखा गया है। सरकार की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है कि तीस्ता किसी तरह जेल से बाहर न निकल सकें। सरकार की यह सोच पूरी तरह गलत है।
भाजपा पर तोड़फोड़ की राजनीति का आरोप
पवार ने महाराष्ट्र में हाल में हुए सियासी बदलाव का जिक्र करते हुए भी भाजपा पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा का जिन राज्यों में जनाधार नहीं होता वहां पर यह पार्टी दूसरे तरीकों से सत्ता पर काबिज होने की कोशिश करती है। कर्नाटक, मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में भाजपा ने इसी तरह सत्ता पर कब्जा किया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने इन राज्यों में दूसरे दलों में तोड़फोड़ के जरिए अपनी सरकार बनाने में कामयाबी पाई है। यदि इन राज्यों के चुनावी नतीजों को देखा जाए तो इन सभी राज्यों में जनादेश भाजपा के पक्ष में नहीं था मगर भाजपा तोड़फोड़ की राजनीति करके सत्ता पर काबिज हो गई।