2024 की जंग में ममता की दावेदारी को झटका, कांग्रेस ने विपक्ष की अगुवाई के लिए सोनिया का नाम किया आगे

Sonia Gandhi Lead Opposition : TMC मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को विपक्ष का चेहरा बनाने की कोशिश में जुट गई है। ममता को टीएमसी संसदीय दल का अध्यक्ष चुने जाने के कदम को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Published By :  Shivani
Update:2021-07-25 12:27 IST

सोनिया, मोदी और ममता 

Sonia Gandhi Lead Opposition: तृणमूल कांग्रेस (TMC) 2024 (Lok Sabha Election 2024) की सियासी जंग में नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ पार्टी की मुखिया और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को विपक्ष का चेहरा बनाने की कोशिश में जुट गई है। शुक्रवार को ममता को टीएमसी संसदीय दल (Parliamentary Party Chair) का अध्यक्ष चुने जाने के कदम को भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

वैसे टीएमसी की ओर से की जा रही इस कवायद को अमली जामा पहनाना आसान काम नहीं है क्योंकि कांग्रेस इसे स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। पार्टी की ओर से साफ कर दिया गया है कि यदि बीजेपी के खिलाफ कोई मोर्चा बनता है तो उसकी अगुवाई यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी ही करेंगी।

ममता की दिल्ली यात्रा पर टिकी नजर (Mamata Ki Delhi yatra)

पश्चिम बंगाल में भाजपा (BJP) की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद चुनाव जीत कर तीसरी बार सत्ता पर कब्जा करने वाली ममता बनर्जी ने इन दिनों केंद्र की सत्ता के लिए सियासी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। हाल के दिनों में ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल के साथ ही देश से जुड़े अन्य मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरती रही हैं।


हाल के दिनों में उन्होंने कोरोना काल में अव्यवस्था, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी, किसान आंदोलन, मीडिया हाउसेस पर छापे और पेगासस जासूसी कांड आदि महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। ममता बनर्जी आज दिल्ली पहुंचने वाली है और दिल्ली प्रवास के दौरान उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई विपक्षी नेताओं से मिलने की योजना है। माना जा रहा है कि वे 2024 की बड़ी सियासी लड़ाई के लिए भी विपक्ष से चर्चा कर सकती हैं मगर उनकी इस कवायद से पहले कांग्रेस ने उन्हें जोरदार झटका दिया है।

सोनिया के नेतृत्व में विपक्ष दिखाए एकजुटता (Opposition Support Sonia Gandhi)

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य प्रदीप भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि भाजपा से लड़ाई लड़ने के लिए सभी विपक्षी दलों को सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुटता जतानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी विपक्ष को गोलबंद करने की कोशिश में लगी हुई हैं। इसके पहले उन्होंने ब्रिगेड ग्राउंड में भी एक रैली की थी जिसमें कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिस्सा लिया था। अब एक बार फिर वे विपक्ष को एकजुट करना चाहती हैं मगर उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विपक्ष की और से यदि कोई भी मोर्चा बनाया जाता है तो उसकी अगुवाई यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ही करेंगी।


कांग्रेस नेता ने कहा कि सोनिया गांधी की ओर से भी विपक्ष को एकजुट करने की कोशिश पूर्व में की जा चुकी है मगर तब टीएमसी की मुखिया ममता बनर्जी ने किनारा कर लिया था। सोनिया गांधी की ओर से आयोजित की गई कई बैठकों में टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि अब देश के लोग विपक्ष की एकजुटता चाहते हैं। ऐसे में भाजपा के खिलाफ मोर्चेबंदी में विपक्ष को सोनिया के नेतृत्व में एकजुट होना चाहिए।

टीएमसी की ममता को चेहरा बनाने की कवायद

दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस का मानना है कि भाजपा की ओर से पूरी ताकत लगाए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल में विजय हासिल करके ममता बनर्जी का सियासी कद काफी बढ़ चुका है। उन्होंने तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सियासी जंग जीती है। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जोड़ी को हराकर साबित कर दिया है कि भाजपा का जवाब देने में वही सक्षम हैं। ऐसे में पार्टी की ओर से 2024 की सियासी जंग में ममता को विपक्ष का चेहरा बनाने की कवायद की जा रही है।


ममता ने इस दिशा में प्रयास करना शुरू कर दिया है। गत दिनों शहीद दिवस पर आयोजित पार्टी के कार्यक्रम में उन्होंने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला था। ममता के इस कार्यक्रम का प्रसारण पश्चिम बंगाल के बाहर अन्य प्रदेशों में भी किया गया था। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में भी इस मौके पर बड़ा आयोजन हुआ था जिसमें विपक्ष के कई बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया था। इसे ममता की ओर से राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित होने की कवायद माना जा रहा है।

विपक्ष का एक चेहरे पर सहमत होना मुश्किल

वैसे सियासी जानकारों का मानना है कि 2024 की सियासी जंग में विपक्ष का किसी एक चेहरे पर सहमत होना काफी मुश्किल काम है। टीएमसी की ओर से भले ही ममता को चेहरा बनाने की कवायद की जा रही हो मगर कांग्रेस को इसके लिए रजामंद करना काफी मुश्किल काम है। दिल्ली की जंग में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल होने के कारण अपनी दावेदारी छोड़ने के लिए तैयार नहीं होगी। ऐसे में विपक्ष का चेहरा बनने के लिए शुरू हुई सियासी जंग अब काफी दिलचस्प मोड़ पर पहुंचती दिख रही है। अब हर किसी की नजर ममता की दिल्ली यात्रा पर टिकी हुई है।


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