UP Election 2022: मायावती को बड़ा झटका, बसपा विधानमंडल दल नेता शाह आलम भी हाथी से उतरे, सपा में जाने की चर्चा

UP Election 2022: आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली भी आज मायावती के हाथी से उतर गए है।

Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-11-25 13:16 GMT

मायावती और विधायक शाह आलम की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक)

UP Election 2022: बहुजन समाज पार्टी में एक के बाद एक बड़े विकेट गिरने का क्रम जारी है। एक तरफ मायावती (Mayawati) जहां नेताओं में सामंजस्य और जातीय समीकरण बैठाकर चुनाव में उतरने की रणनीति तैयार कर रही हैं तो वहीं उनके सेनापति ही उन्हें बीच मैदान में छोड़ कर भाग रहे हैं। इसी क्रम में आज एक और बड़ा विकेट गिरा है।

आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर विधानसभा सीट से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली (bsp mla shah alam) भी आज मायावती के हाथी से उतर गए है। गुड्डू जमाली विधानसभा में बसपा के विधानमंडल दल के नेता भी थे। शाह आलम उर्फ़ गुड्डू जमाली के भी बारे में कहा जा रहा है कि वह भी जल्द ही साइकिल की सवारी करेंगे क्योंकि अब तक जितने भी विधायक बसपा से बाहर आये हैं, ज्यादातर सपा की साइकिल पर सवार हुए हैं। बसपा नेताओं को अब साइकिल की सवारी अच्छी लगने लगी है हाथी उन्हें भारी दिखाई दे रहा है।

शाह आलम की तस्वीर (फोटो:सोशल मीडिया)

गौरतलब है कि इसके पहले मायावती के खास रामअचल राजभर, लालजी वर्मा, समेत तमाम विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हो चुके हैं। इन नेताओं का मायावती से मोह भंग हो चुका है।

इसी क्रम में आज शाह आलम ने भी बसपा को बाय बाय कर दिया। पिछले दिनों अगर बसपा नेताओं के पार्टी छोड़ने का क्रम देखें तो सबसे ज्यादा नेता और विधायक उनकी पार्टी से बाहर आए हैं। इन नेताओं की पहली पसंद समाजवादी पार्टी बनी है। वहीं नेताओं के पार्टी छोड़ने से इतर मायावती यह बार-बार दावा कर रही हैं कि 2022 में उनकी सरकार बनेगी अब यहां बड़ा सवाल ये कि जब उनके अपने ही उन पर भरोसा नहीं कर रहे हैं तो आम जनता कैसे उन पर एतबार करेगी।

मायावती की तस्वीर (फोटो:न्यूज़ट्रैक)

बुधवार को आजमगढ़ की एक और विधायक बीजेपी में हुई थी शामिल

वही शाह आलम से पहले आजमगढ़ की सगड़ी विधानसभा से बसपा की निलंबित विधायक वंदना सिंह ने कल भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की थी। वंदना सिंह ने कल बीजेपी ज्वाइन करने के बाद कहा था कि उन्हें बिना कोई कारण बताए मायावती ने निकाल दिया था। जिसके बाद उन्हें भाजपा के साथ आना पड़ा।

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