UP Politics : सिरे से गायब हो गए अखिलेश और सपा, फोकस में छा गए राहुल-प्रियंका

UP Politics : लखीमपुर काण्ड के बाद शुरूआती आक्रामकता के बाद सपा सिरे से गायब है और प्रियंका – राहुल छाये हुए हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Shraddha
Update: 2021-10-06 05:38 GMT

फोकस में छा गए राहुल-प्रियंका (फाइल फोटो - सोशल मीडिया)

UP Politics : लखीमपुर काण्ड के बाद चली गयी राजनीतिक गतिविधियों में सबसे माकूल चाल प्रियंका गाँधी (Priyanka Gandhi) और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के साथ किये गए ट्रीटमेंट वाली रही है। लखीमपुर काण्ड के बाद शुरूआती आक्रामकता के बाद सपा सिरे से गायब है और प्रियंका – राहुल छाये हुए हैं। ये स्वाभाविक तौर पर अचंभित करने वाला है। ख़ास तौर इस संदर्भ में जब चंद महीने बाद राज्य के चुनाव होने हैं और सपा अपने आपको सत्ता की प्रबल दावेदार जताती है। फोकस से बाहर चले गए सपा-अखिलेश पर सटीक रूप से यही कहावत लागू हो रही है – आउट ऑफ़ साईट, आउट ऑफ़ माइंड।

यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की मौजूदगी सबको पता है। यह भी सब जानते हैं कि प्रदेश में इन दोनों पार्टियों में किसकी मौजूदगी और प्रभाव ज्यादा है। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पर समाजवादी पार्टी बहुत भारी है। उसके पास जमीनी मौजूदगी है। संघर्ष करने वाली कार्यकर्ताओं की फ़ौज है, जबकि कांग्रेस के पास प्रदेश स्तर पर ऐसा कुछ नहीं है। यूपी में विधानसभा चुनाव चंद महीने बाद होने है।भाजपा के नजरिये से समाजवादी पार्टी सबसे नजदीकी प्रतिद्वंद्वी है। गोरखपुर के मनीष गुप्ता हत्याकांड के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव सबसे पहले और सबसे ज्यादा सक्रिय हुए। वही सबसे पहले कानपुर पहुंचे। मनीष गुप्ता के परिवारवालों से मिले। कांग्रेस वहां पीछे रह गयी थी। अखिलेश की सक्रियता से सपा को अच्छी खासी बढ़त मिल गयी।


समाजवादी पार्टी ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया 


इसके बाद हुआ लखीमपुर काण्ड (Lakhimpur Kand) । इस मामले में सबसे ज्यादा सक्रियता और आक्रामकता समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने दिखाई और फटाफट धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया । जिसकी धमक इटावा से लेकर लखनऊ तक देखी गयी। सरकार ने भी तत्परता दिखाते हुए अखिलेश को हिरासत ले लखनऊ के इको गार्डन में पहुंचा दिया। कहने को वह लखीमपुर जाना चाहते थे । लेकिन लखनऊ से बाहर निकल ही नहीं पाए। सपा और अखिलेश से निपटा ही जा रहा था कि प्रियंका लखनऊ आ पहुँचीं। प्रियंका गाँधी लखनऊ से और सीधे लखीमपुर के लिए रवाना हो गईं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कोई हुजूम लखनऊ में नहीं दिखा। प्रियंका हरगांव तक चली जाती है। उनको कोई रोकता नहीं है। हरगांव में प्रियंका को रोका गया। हाउस अरेस्ट में रख दिया गया। हरगांव में भी प्रियंका एक्का-दुक्का कांग्रेसियों के साथ थीं।

अब पूरा ध्यान प्रियंका पर हो गया। जो मीडिया दिन में अखिलेश और सपा की मिनट-मिनट की खबर दे रहा था । उसने अखिलेश को फोकस से बाहर करके प्रियंका की मिनट-मिनट की खबर देना शुरू कर दिया। अखिलेश सिरे से गायब हो गए।


लखीमपुर में समाजवादी पार्टी का प्रदर्शन 


 यह तो सच है कि यूपी में संगठन के तौर पर सपा खासी मजबूत है। धरना – प्रदर्शन से लेकर लाठी डंडा खाने में सपाई काफी आगे हैं। उनकी आक्रमकता भारी पड़ती इसके पहले ही पूरा नैरेटिव प्रियंका के इर्दगिर्द हो गया जो हरगांव पहुँची भी थीं तो बमुश्किल चार लोगों के साथ। न कोई आक्रामकता थी और न सड़कों पर डंडे खाते कार्यकर्ता। प्रियंका को हरगांव में हाउस अरेस्ट रखा गया। उनकी झाडू लगती फोटो और वीडियो खूब दिखाए गए। बाद में प्रियंका पर एफ़आईआर हुई। बाकायदा गिरफ्तारी की गयी । लेकिन बेचारे अखिलेश ईको गार्डन से ही छोड़ दिए गए। उनका आन्दोलन कहाँ गया, पता नहीं।

प्रियंका के बाद अब ताजा फोकस राहुल गाँधी को लेकर है। अखिलेश और सपा के बारे में कोई चर्चा नहीं है। चुनावी राजनीति के नजरिये से देखा जाये तो जो पार्टी सबसे ज्यादा माइलेज ले सकती थी, वह किनारे कर दी गयी है, जो पार्टी लड़ाई में है नहीं , उसे भारी प्रतिद्वंद्वी बना दिया गया है। सो घटनाक्रम को करीब से देखें तो कांग्रेस बहुत बढ़िया तरीके से आगे बढ़ते हुए सपा पर राजनीतिक जीत हासिल की जा चुकी है।

अब अखिलेश यादव भी लखीमपुर काण्ड को पीछे छोड़ते नजर आते हैं। उनका लेटेस्ट एजेंडा लखीमपुर न हो कर 'समाजवादी विजय यात्रा' का हो गया जो 12 अक्टूबर से पूरे यूपी में शुरू होगी। यह हफ्ते भर बाद की बात है और यात्रा का फोकस रोजगार, उद्योग, महिला सम्मान, किसान आदि व्यापक मुद्दे हैं। जहाँ कांग्रेस के बड़े बड़े नेता लखीमपुर कांड को हाथों हाथ उठाये हुए हैं, वहीं सपा उनके सामने ठंडी पड़ती दिख रही है।

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