योगी- साल में 52 जुमे आते हैं, पर होली एक ही आती है... ये है नए सियासी समीकरणों का संकेत
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वैसे तो विपक्ष का जवाब देने के लिए भाषण दे रहे थे पर इसका संदेश कहीं बड़ा था। योगी आदित्यनाथ ने अपने भाषण से साफ कर दिया वो सबका साथ सबका विकास तो करेंगे पर हिंदू एजेंडे पर चल कर।
योगी का भाषण एक, पर कई को जवाब
अब तक इस तरह के राजनीतिक बयान न सुनने की आदत वाली जनता ने पहली बार सुना कि देश की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाले सूबे का मुख्यमंत्री कह रहा हो कि मैं ईद नहीं मनाता। मुझे हिंदू होने का गर्व है मैं जैसा हूं वैसा ही दिखता हूं। यह नहीं कि घर में जनेऊ पहनूं और बाहर जाकर टोपी लगाकर घुटने टेक दूं। मैं ईद नहीं मनाता पर शांतिपूर्व ईद मनाने वाले लोगों का सरकार सहयोग करेगी।
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योगी आदित्यनाथ विधानसभा के अंदर फ्रंटफुट पर बैटिंग कर रहे थे। कहा ज्यादातर अपराधी सपा से जुडे और भ्रष्टाचार की वजह से यूपी का विकास पिछले 15 साल से यूपी का विकास रुका है। उन्होंने सपा बसपा को एक परिवार, भ्रष्टाचार, अपराध, बाटने की राजनीति करने वाला करार दिया। योगी ने होली पर जुमे की नमाज का समय बदलने के लिए मौलवियों का आभार जताया पर यह कहना नहीं भूले की साल में 52 जुमे आते हैं पर होली एक ही आती है।
सपा-बसपा गठबंधन पर योगी ने अपने भाषण में बसपा सुप्रीमो को याद दिलाया कि स्टेट गेस्ट हाउस कांड को वह कैसे भूल गयीं और उनकी राजनीति के पिलर यानी उनके स्मारक गिराने की बात सपा ही करती थी।
सियासी संदेश के संकेत
सियासतदां कोई भी काम बेवजह नहीं करते। उनके हर काम में कोई संदेश होता है। योगी आदित्यनाथ का भाषण कुछ उसी अंदाज में था जैसे कि नरेंद्र मोदी ने 2014 के चुनाव से पहले टोपी पहनने से इनकार कर दिया था। उत्तर प्रदेश में महज 5 दिन बाद दो लोकसभा सीटों के उपचुनाव हैं। ऐसे में यह भाषण महज इत्तेफाक हो इस पर भरोसा थोड़ा कम ही होता है। 52 जुमे की बात कर योगी ने अपने परंपरागत वोटरों को और मजबूत किया है। आने वाली हर परीक्षा के लिए। वहीं उन्होंने सपा बसपा को एक परिवार, भ्रष्टाचार, अपराध के पोषक होने से योगी ने युवा वोटरों में भी अपना विस्तार किया है इसमें कोई शक नहीं कहा जा सकता है। वहीं लडाई भ्रष्टाचार बनाम विकास की बनाने की भी कवायद की है। यानी योगी का यह वादयोग राजनीति के कई समीकरणों को दुरुस्त करता दिख रहा है।