कोरोना का होगा खात्मा, आईआईएससी के वैज्ञानिकों ने की 29 दवाओं की पहचान

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस समय कोरोना की दवा बनाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है।

Update:2020-06-15 12:00 IST

बेंगलुरु: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ रही है। दुनिया भर के वैज्ञानिक इस समय कोरोना की दवा बनाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में भारत भी कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में लगा हुआ है।

विगत कई महीनों से कोरोना वायरस पर अलग-अलग शोध कर रहे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज ने 29 ऐसी दवाओं की पहचान की है, जिनका उपयोग कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट के लिए किया जा सकता है।

कोरोना के इलाज का खर्च 8.35 करोड़ रुपये, बिल देख उड़ा मरीज का होश

वैज्ञानिकों ने तैयार किया शोध पत्र

बता दें कि आईआईएससी में प्रोफेसर नारायणसामी श्रीनिवासन, सोहिनी चक्रबर्ती और स्नेहा भीमीरेड्डी की टीम ने इन दवाओं की पहचान करते हुए एक शोध पत्र तैयार किया है।

आईआईएससी ने जीनोमिक्स अध्ययन के बेसिस पर 29 ऐसी दवाओं की पहचान की है। शोधकर्ता ने बताया कि शुरूआती स्टडी के मुताबिक हमने करीब 20 ऐसी दवाओं की शिनाख्त की है, जिन्हें लोग जानते हैं और इनका इस्तेमाल इलाज में हो सकता है। इसके अलावा 9 इन्वेस्टिगेशनल ड्रग मॉलिक्यूल्स की पहचान भी की गई है।

शोध में शामिल वैज्ञानिकों के अनुसार अध्ययन में जो बातें सामने आई हैं, उनपर अभी और रिसर्च किया जा रहा है। उनपर आगे और काम करने की आवश्कयता है। हमने ऐसा इसलिए किया है जिससे कि बायोटेक्नॉलजिस्ट और बायोमेडिकल रिसर्चर्स को एक्सपेरिमेंटल सेटअप में हमारे शोध में मिले तथ्यों से सहायता मिल सके।

कोरोना की सुनामी: इस महीने मचेगी ऐसी तबाही, बेड-वेंटिलेटर्स तक नहीं होंगे नसीब

अभी और शोध की जरूरत

फिलहाल सिर्फ शुरुआती स्टडीज के आधार पर ही किसी को भी इन दवाओं का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। शोधकर्ताओं ने ये अपील भी की है कि जो तथ्य मिले हैं, उनपर अभी तमाम अध्ययन और रिसर्च की जरूरत है और इसका उपयोग सिर्फ वैज्ञानिकों की ओर से करना ही ठीक रहेगा।

UP के इस जिले में एक दिन में आए इतने कोरोना केस, अधिकारियों के उड़े होश

Tags:    

Similar News