PM मोदी VS मनमोहन सिंह: इनके कार्यकाल में देश की हालत हुई बहुत खराब

आज हम आपको दोनों के कार्यकाल में क्या अंतर है वो बताने जा रहे हैं। दोनों नेताओं ने देश का नेतृत्व कैसा किया? और देश की हालात किसके कार्यकाल में कैसी रही?

Update:2020-03-05 17:14 IST
PM मोदी VS मनमोहन सिंह: इनके कार्यकाल में देश की हालत हुई बहुत खराब

हर नेता के विरोधी और समर्थक जरूर होते हैं। कुछ उनके कार्य की तारीफ करते हैं तो वहीं कुछ ऐसे होते हैं, जो उनके कार्य से नाखुश होते हैं। आपने अक्सर लोगों को देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और मौजूदा PM नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की तुलना करते हुए सुना होगा। मनमोहन सिंह के समर्थकों का कहना है कि उनके कार्यकाल में देश की स्थिति बेहतर थी तो वहीं पीएम मोदी के कार्यकाल की प्रशंसा करने वाले भी कम नहीं है। मोदी समर्थकों का कहना है कि PM मोदी के नेतृत्व ने देश ने खूब तरक्की की है।

क्या है दोनों के कार्यकाल में अंतर

तो आज हम आपको दोनों के कार्यकाल में क्या अंतर है वो बताने जा रहे हैं। दोनों नेताओं ने देश का नेतृत्व कैसा किया? और देश की हालात किसके कार्यकाल में कैसी रही? दोनों सरकार में कैसे परिणाम सामने आए। आज हम आपको भारत सरकार के आंकड़ों के आधार दोनों के कामों में अंतर बताएंगे। आपको बता दें कि 2009 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाली UP सरकार रही और 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत के साथ जीत हासिल की थी।

यह भी पढ़ें: व्हाइट हाउस में चलता है इस इस लेडी का सिक्का, राष्ट्रपति ट्रंप से ऐसा है कनेक्शन

जीडीपी विकास दर

बीजेपी सरकार का कहना है कि देश की अर्थव्यस्था सुधारने के लिए उनके कार्यकाल में कई अहम कदम जैसे इंसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, जीएसटी व अन्य कई ढांचागत सुधार किए गए हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 2009 से 2014 तक यानि की मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान देश की GDP विकास दर औसतन 6.7 प्रतिशत रही। वहीं 2014 से 2019 तक यानि भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान इंडिया की GDP विकास दर 7.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी।

विदेश नीति

2009 से 2014 तक यूपीए सरकार की विदेश नीति सैद्धांतिक ज्यादा रही न कि व्यवहारिक। वहीं मोदी सरकार की बात की जाए तो इस सरकार ने व्यावहारिक विदेश नीति को बढ़ावा दिया। इनकी व्यवहारिक नीति के चलते दुनिया के सबसे ज्यादा ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी इनके मुरीद हैं। अमेरिका ही नहीं बल्कि चीन, रूस, इजराइल समेत दुनिया के अन्य देशों में भी इन्होंने अपने कूटनीति और व्यवहारिक नीति का परचम लहराया है। जिसका नतीजा देखने को मिलता है कि ट्रंप, नेत्न्याहू, शी जिं पिंग, समेत तमाम बड़े इनके फैन है और इस नीति के चलते इनकी विदेश नीति पिछले सरकार की तुलना में ज्यादा मजबूत दिखाई देती है।

यह भी पढ़ें: लखनऊ वालों के लिए बुरी खबर: अब नहीं बिकेगा मांस-मछली, जाने क्यों

आतंकवादियों का खात्मा

आंकड़ों के अनुसार 2004 से 2013 के कार्यकाल में 4241 आतंकियों का खात्मा किया गया, जिनमें से 3424 आतंकियों को UPA सरकार - 1 के कार्यकाल 2004-09 में मारा गया। वहीं मोदी सरकार के कार्यकाल 2014 से 2018 तक 701 आतंकी मारे गए। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अटल बिहारी के 6 साल के कार्यकाल यानि 1998 से 2004 तक सेना ने 10,147 आतंकवादियों को मार गिराया था।

एयरलाइंस क्षेत्र

यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान एयरलाइन में यात्रियों की बढ़ोतरी हर साल 9.20 प्रतिशत की दर से हो रही थी, जबकि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान इसमें 15.28 प्रतिशत की दर से बढ़ोत्तरी हो रही है। आंकडों के मुताबकि, वर्तमान की मोदी सरकार ने एयरलाइंस क्षेत्र में अप्रत्याशित सफलता हासिल की है।

यह भी पढ़ें: इस बार नहीं ​मनेगी होली! पूरे देश में भय का महौल, जानें क्यों हो रहा ऐसा

आम जीवन में परिवर्तन लाने वाली योजनाएं

यूपीए सरकार में ऐसी कई योजनाएं लाई गईं, जिसने आम आदमी के जीवन में सुधार लाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। यूपीए के कार्यकाल में मुख्य रूप से कई योजनाएं जैसे मनरेगा, शिक्षा का अधिकार, सूचना का अधिकार, डायरेक्ट बेनिफिट स्कीम और खाद्य सुरक्षा लाई गईं।

वहीं मोदी सरकार में भी ऐसी कई योजनाएं लागू हुईं, जो आम आदमी को बेहतर बनाने में कारगर साबित हुईं और जिसने आम आदमी के जीवन स्तर को ऊपर उठाया। इनमें उज्जवला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, जन धन योजना, स्वच्छ भारत मिशन, आयुष्मान भारत, शामिल हैं।

यह भी पढ़ें: Twitter में आया नया फीचर, Instagram और Facebook स्टोरीज को देगा टक्कर

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Tags:    

Similar News