इन्हें है जान का खतराः मोटे और ओवरवेट हैं, तो रहें कोरोना से सावधान

रिपोर्ट के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर रहने पर कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा दोगुना हो जाता है और मौत का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है।

Update: 2020-07-27 07:04 GMT

लखनऊ। अगर आप मोटे है या आपका वनज ज्यादा है तो आपको कोरोना संक्रमण के प्रति ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ब्रिटेन की सरकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि अधिक वजन वाले लोगों में मौत का खतरा सामान्य स्वस्थ्य लोगों से तीन गुना ज्यादा होता है। ऐसे लोगों के लिए उम्र कोई मायने नहीं रखती है, 60 वर्ष से कम उम्र में भी कोरोना संक्रमण इनके लिए घातक साबित हो सकता है। यही वजह है कि चिकित्सकों ने विश्व स्वास्थ्य संगटन (डब्ल्यूएचओ) और आईसीएमआर से मरीज के वजन और लंबाई को भी उससे जुड़ी जानकारियों में शामिल करने की सिफारिश की है। इससे कोरोना के मरीजों में मोटापा के असर का आंकलन किया जा सकेगा।

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अधिक मोटापा होने से श्वसन तंत्र प्रभावित

ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कोरोना से बीमार पड़ने पर ओवरवेट लोगों के लिए वेंटिलेटर की जरूरत भी 07 गुना तक अधिक होती है। बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर होने पर समझा जाता है कि व्यक्ति का वजन अधिक है। ऐसे लोगों के लिए भी वेंटिलेटर की जरूरत बढ़ सकती है, लेकिन बॉडी मास इंडेक्स 30 से 35 होने पर कोरोना से मौत का खतरा 40 फीसदी बढ़ जाता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, बॉडी मास इंडेक्स 25 से ऊपर रहने पर कोरोना से गंभीर बीमार पड़ने का खतरा दोगुना हो जाता है और मौत का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है। हालांकि, अधिक वजन की वजह से कोराना से संक्रमित होने का खतरा नहीं बढ़ता। रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक मोटापा होने से श्वसन तंत्र प्रभावित होता है और इसका असर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी पड़ सकता है।

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मोटे लोगों को ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी

ब्रिटेन की पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की रिपोर्ट से पहले भी विशेषज्ञ यह बता चुके है कि मोटापा या अधिक वजन कोरोना के खतरे को आमंत्रित करता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित एक रिपोर्ट में मोटापे से जुड़े जोखिम को उजागर किया गया था। बीते अप्रैल माह में इंग्लैंड के ही चिकित्सकों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य चेतावनी जारी की थी, जिसमें पाया गया था कि जो लोग गंभीर रूप से बीमार थे, वे अधिक वजन वाले या मोटे थे।

यह बताया गया कि आईसीयू में भर्ती किए गए 2204 कोरोना रोगियों में से 73 प्रतिशत अधिक वजन वाले या मोटे थे। इसके अलावा फ्रांस में एक अध्ययन में पाया गया कि मोटे लोगों को ज्यादा वेंटिलेटर की जरूरत पड़ी। इस अध्ययन में 4,000 से अधिक कोरोना रोगियों के डेटा का विश्लेषण किया गया था। ये सभी मोटे युवा न्यूयॉर्क के एक अस्पताल में भर्ती थे। इस दौरान पाया गया कि इन्हें कोरोना का ज्यादा खतरा था।

लॉकडाउन में लोग खाने की तुलना में व्यायाम कम कर रहे

फिलहाल, ज्यादा वजन वाले लोगों के बारे में चिकित्सकों का कहना है कि व्यक्ति अपना वजन जितना कम कर लेगा, कोरोना का खतरा उतना कम हो जाएगा। हालांकि, इधर देखने में आया है कि लॉकडाउन में लोग खाने की तुलना में व्यायाम कम कर रहे है।

रिपोर्ट- मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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